उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra in UP) में एक सरकारी चाइल्ड शेल्टर में सुपरिटेंडेंट के रूप में काम करने वाली एक महिला को एक नाबालिग लड़की की पिटाई के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। महिला द्वारा बच्ची को चप्पल से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह कार्रवाई की गई। महिला को निलंबित करने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार कर उसको पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी सुपरिटेंडेंट को फिलहाल जमानत पर रिहा कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
आरोपी महिला की पहचान पूनम पाल के रूप में हुई है। पिछले सप्ताह आगरा के राजकीय चाइल्ड शेल्टर की सुपरिटेंडेंट पूनम पाल का बच्ची को पीटने का वीडियो वायरल हुआ था। पूनम पाल बच्ची को चप्पलों से पीट रही थी। वीडियो के बाद आगरा के जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रशासनिक अधिकारियों को जांच के लिए बाल गृह भेजा था। जांच में वीडियो सही पाए जाने के बाद आरोपी महिला को निलंबित कर दिया गया था।
एक बाल अधिकार कार्यकर्ता द्वारा जिला मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराने के बाद पूनम पाल के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO) अजय पाल सिंह ने महिला के निलंबन की पुष्टि की। राज्य की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य ने परिवीक्षा विभाग को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 75 (बच्चे पर हमला करने, छोड़ने, दुर्व्यवहार करने या जानबूझकर उसकी उपेक्षा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सजा) के तहत FIR दर्ज करने का निर्देश दिया।
बच्ची की नानी और रसोइये द्वारा पाल के खिलाफ और भी आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने उन पर बच्चों को मालिश करने के लिए मजबूर करने, कर्मचारियों से अपने कपड़े धुलवाने और बच्चों के घर को एक शानदार जगह में बदलने का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार, पाल प्रयागराज में अपनी पोस्टिंग के दौरान छह महीने जेल में बिता चुकी है।
DPO अजय पाल के मुताबिक, प्रयागराज समेत अन्य जिलों में तैनाती के दौरान पाल पर लगे इन आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है। जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर चाइल्ड शेल्टर से तीन वीडियो वायरल हुए।
वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 4 सितंबर का है, जिसमें आरोपी महिला को लड़की को गाली देते हुए और उसे चप्पलों से पीटते हुए दिखाया गया है। वहीं, एक अन्य वीडियो में एक बच्ची के हाथ-पैर बांधकर उसे पीटते हुए देखा जा रहा है। वीडियो देखने के बाद बच्ची की नानी कविता कर्दम, बेबी, दीपाली और रसोइया सुनीता अपनी शिकायत लेकर जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी के पास पहुंचीं। जिलाधिकारी ने डीपीओ और सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के लिए भेजा। बच्चों और स्टाफ से अलग-अलग बातचीत के बाद सुपरिटेंडेंट का बयान भी दर्ज किया गया। पूरे मामले की रिपोर्ट महिला कल्याण निदेशालय लखनऊ को भेजी गई, जिसके चलते पाल को निलंबित कर लिया गया। फिलहाल, आगे की जांच जारी है।
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