कर्नाटक की दो सीनियर महिला अधिकारियों के खुलेआम झगड़े से असहज हुई राज्य सरकार ने मंगलवार को दोनों का तबादला कर दिया। हालांकि, उनकी नई तैनाती स्पष्ट नहीं की गई है। IPS अधिकारी और कर्नाटक राज्य हथकरघा विकास निगम की प्रबंध निदेशक डी रूपा (D Roopa) और IAS अधिकारी एवं हिंदू धर्म एवं परमार्थ दान आयुक्त रोहिणी सिंधूरी (Rohini Sinduri) ने एक-दूसरे पर सरेआम कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
रूपा के पति और सर्वेक्षण बंदोबस्त एवं भूमि रिकार्ड आयुक्त मनीष मौदगिल को तत्काल प्रभाव से कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग का प्रधान सचिव बना दिया गया है। इसे लोग आश्चर्य की नजर से देख रहे हैं। दो वरिष्ठ महिला नौकरशाहों के बीच सार्वजनिक तू-तू, मैं-मैं बढ़ने से सरकार की फजीहत के बीच कई मंत्रियों ने उनके आचरण को लेकर असंतोष जताया था और सेवा नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
सीएम तक पहुंच गया था मामला
रूपा और रोहिणी के बीच का झगड़ा सोमवार को मुख्य सचिव वंदिता शर्मा के कार्यालय पहुंचा था और दोनों ने अपना-अपना पक्ष रखते हुए एक-दूसरे के विरूद्ध आवेदन दिया था। रूपा ने रोहिणी की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी करते हुए ‘तीन आईएएस अधिकारियों’ को ऐसी ‘आपत्तिजनक तस्वीरें’ भेजने की मंशा पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि आईएएस सेवा आचरण नियमावली के तहत यह अपराध है।
आरोप-प्रत्यारोप में उलझीं महिला अधिकारी
पीटीआई के मुताबिक, अपने फेसबुक पेज पर रोहिणी सिंधूरी की तस्वीरें साझा करते हुए रूपा ने लिखा, ‘‘भले ही इस तरह की तस्वीरें सामान्य लगें लेकिन जब एक महिला आईएएस अधिकारी केवल एक या दो नहीं, बल्कि तीन पुरूष आईएएस अधिकारियों को अकेले-अकेले तस्वीर भेजे तो इसका क्या मतलब है? यह उनका निजी मामला नहीं हो सकता है। आईएएस सेवा आचरण नियमावली के अनुसार यह अपराध है। कोई भी जांच एजेंसी इन तस्वीरों की प्रामणिकता की जांच कर सकती है। सैलून हेयरकट तस्वीरें, तकिये पर लेटकर ली गयी तस्वीर। यह किसी के लिए सामान्य हो सकता है। ऐसी तस्वीरें भेजने के पीछे का संदर्भ कुछ और लगता है।’’
पलटवार करते हुए रोहिणी ने कहा कि वह कानूनी रास्ता अपनायेंगी क्योंकि रूपा के आरोप मानहानिकारक हैं। रूपा ने रोहिणी पर कई ‘गलतियां करने’ का भी आरोप लगाया। आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए रोहिणी ने आरोप लगाया कि निजी वैमनस्य की खातिर रूपा ऐसी टिप्पणियां कर रही है और इस तरह बर्ताव कर रही हैं जैसा कि वह अपना मानसिक संतुलना गंवा बैठी हो।
रोहिणी ने सोमवार को कहा, ‘अधिकारियों को कुछ निश्चित गरिमा एवं मर्यादा बनाए रखनी चाहिए ताकि उससे अपने अधिकारी वर्ग में सम्मान मिले।’ उन्होंने कहा, ‘पेशेवर तौर पर उन्होंने मेरे विरूद्ध जो कुछ बोला है, मैंने उसपर मुख्य सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी है। जहां तक व्यक्तिगत आरोपों की बात है तो— मेरे विरूद्ध बार-बार आरोप लगाने का क्या कारण है? वह उन अधिकारियों के नाम बताएं जिनके बारे में वह कह रही हैं कि मैंने उन्हें (निजी तस्वीरें) भेंजी।’
वहीं, रूपा ने कहा था, ‘फोटो बेहद निजी हैं, वे भ्रष्टाचार से जुड़े सात-आठ बिंदुओं के अलावा आचरण नियमावली का उल्लंघन हैं, भ्रष्टाचार के सिलसिले में मैं दस्तावेज सौंप रही हूं। पहले ही, उनके विरूद्ध प्राथमिक जांच साबित हो चुकी है…लेकिन अगली अनुशासनात्मक जांच नहीं की गयी, कौन उन्हें (रोहिणी को) बचा रहा है? कार्रवाई कीजिए, क्योंकि यह भ्रष्टाचार का मामला है।’
कुछ आईएएस अधिकारियों को तस्वीरें भेजे जाने का अपना आरोप दोहराते हुए रूपा ने कहा, ‘मेरे पास वे चैट हैं और यदि जांच एजेंसी जांच करे तो मैं उन्हें सौंपूगी। यह सेवा नियम का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि किसी को भी कुछ चुनिंदा आईएएस अधिकारियों को अशोभनीय अश्लील तस्वीरें भेजकर ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए जो आईएएस अधिकारी के लिए अशोभनीय हो, कारण भले जो हो। यह निजी मामला नहीं है।’
पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।
इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।
हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.