मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से हाल ही में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां खुद को बेरोजगार बताकर भरण-पोषण की मांग करने वाली एक पत्नी के बारे में खुलासा हुआ कि उसकी कमाई पति से 4 गुना ज्यादा है। यह अनोखा मामला इंदौर की फैमिली कोर्ट में सामने आया है। पत्नी ने खुद को हाउस वाइफ और बेरोजगार बताते हुए पति से भरण-पोषण की मांग की थी। उसने अदालत के सामने शपथ पत्र भी दिया। लेकिन पति ने जब पत्नी के बैंक अकाउंट की डिटेल्स कोर्ट में पेश की तो मामला ही पलट दिया। बैंक स्टेटमेंट जब कोर्ट में रखे गए तो पता चला कि पति से चार गुना अधिक कमाई पत्नी की है। इसके बाद कोर्ट ने पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
दैनिक भास्कर के मुताबिक, यह मामला साल 2020 से कोर्ट में चल रहा था और इसी महीने 20 जून को अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया। कपल की शादी सितंबर 2012 में हुई थी। पति ने बताया कि हमारा जीवन सुखद चल रहा था। लेकिन किसी कारण से उसकी पत्नी और उसके माता-पिता के बीच मतभेद हो गए। पत्नी ने इसके बाद पुलिस थाने में पति के माता-पिता के खिलाफ अर्जी कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों को समझा कर मामला खत्म कराया गया। फिर पत्नी का उसके माता-पिता से संबंध लगभग खत्म सा हो गया था।
इसके बाद फिर अचानक 7 फरवरी 2019 को पत्नी बिना किसी कारण अपना बैग लेकर ससुराल से अपने मायके चली गई। पति ने जब उससे बात की तो पत्नी कहने लगी कि तुम अपने माता-पिता से अलग हो जाओगे तो ही मैं तुम्हारे पास रहने आऊंगी। पति ने कहा कि हम साथ रहेंगे इस उम्मीद में मैंने उसकी ये बात भी मान ली। मैंने अलग घर भी किराए से ले लिया लेकिन वो मेरे साथ आकर नहीं रही और न ही उसने बच्ची के बारे में सोचा।
पति ने बताया कि इसके बाद मैंने धारा 9 का कोर्ट में केस लगाया, ताकि कुछ ऐसा हो जाए कि पत्नी साथ आकर रहने लगे। कुछ समय केस चला फिर किसी माध्यम से पत्नी से बात हुई तो उसने कहा कि केस वापस ले लो तो मैं रहने आ जाऊंगी। उसके कहने पर मैंने केस वापस ले लिया, लेकिन इसके बाद वो वापस नहीं आई।
पत्नी ने दर्ज करवाई केस
1 जुलाई 2020 को पत्नी ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवा दी। फिर पत्नी ने भरण पोषण का मुकदमा कर दिया और पति से भरण-पोषण की मांग की। कोर्ट में पत्नी ने कहा कि पति की 5 लाख रुपए महीने की आय है, लेकिन इसे वो सिद्ध नहीं कर सकी। कोई सबूत भी पेश नहीं किया कि मैं 5 लाख रुपए कमाता हूं।
सिर्फ 10 हजार रुपये कमाता है पति
पति ने बताया कि वह मात्र 10,000 रुपए कमाता है, जिसका वह सैलरी सर्टिफिकेट भी कोर्ट में दिया। भरण-पोषण का मुकदमा दायर करने के दौरान जो शपथ पत्र और जानकारी पत्नी ने कोर्ट में दी, वो झूठी दी। कोर्ट में सिर्फ एक बैंक अकाउंट की डिटेल दी गई, लेकिन जिन दो बैंक अकाउंट में पत्नी के ट्रांजेक्शन थे, सैलरी के रुपए आते थे, वो छुपा लिए। उसने खुद को हाउस वाइफ और बेरोजगार बताया। इस पर कोर्ट से निवेदन किया कि इसके दो अकाउंट और भी है, तब जाकर उसकी असली कमाई का खुलासा हुआ।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट के सामने जब आवेदनों के माध्यम से ये बताया गया कि पत्नी कमाने में सक्षम है। इस पर कोर्ट ने बैंक के मैनेजर को निर्देश दिया किया कि महिला के विभिन्न बैंक शाखाओं में जो दो बैंक अकाउंट हैं, उनको न्यायालय में पेश कराया जाए। इसके बाद बैंक मैनेजर जब महिला के बैंक अकाउंट के स्टेटमेंट लेकर आए तो पता चला कि पत्नी ने अपनी आय को जानबूझकर छुपाई। जबकि वर्तमान में वो 48,000 रुपए कमा रही है। अपने शपथ पत्र में झूठी जानकारी दी कि वो कुछ नहीं कर रही है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये पाया कि महिला अच्छा-खासा कमा रही है। पत्नी अपने पति से लगभग चार गुना ज्यादा कमा रही है, लिहाजा महिला का मेंटेनेंस आवेदन खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने महिला का भरण-पोषण मांगने का अधिकार समाप्त कर दिया। बैंक स्टेटमेंट से ये भी साफ कि वो पिता को भी समय-समय पर रुपए देती रही है। फिलहाल, महिला कर्मा सुट्स एंड विलास एलएलपी में नौकरी कर 48,375 रुपए कमाती है।
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