आंध्र प्रदेश के विजयनगरम (Vizianagaram in Andhra Pradesh) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां अपनी नाबालिग बेटी को हार्मोन ग्रोथ की जबरन दवाएं दे रही थी, ताकि वह फिल्मों में काम कर सके। लड़की की शिकायत पर आंध्र प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हाल ही में लड़की के घर से उसका रेस्क्यू किया। नाबालिग लड़की ने चाइल्ड लाइन के नंबर 1098 पर एक व्यक्ति की मदद से कॉल की थी।
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 16 वर्षीय लड़की ने बताया कि उसकी मां पिछले 4 सालों से उसे जबरन हॉर्मोन ग्रोथ की गोलियां दे रही थी। नाबालिग इनके साइड-इफेक्ट्स के कारण होने वाले दर्द को सहन नहीं कर पा रही थी। इतना ही नहीं दवा लेने से मना करने पर वह उससे मार पिटाई भी करती थी। इसके बाद लड़की ने 1 जून को चाइल्डलाइन में शिकायत दर्ज कराई और उसके अगले दिन यानी दो जून को उसे मां के चंगुल से आजाद करवाया गया। चाइल्ड लाइन ने लड़की की शिकायत को पुलिस को सौंप दिया है।
नाबालिग ने बताई आपबीती
कक्षा 11वीं की छात्रा ने बताया, “मेरी मां शरीर में बदलाव लाने के लिए मुझे कुछ गोलियों का ओवरडोज दे रही थी। जब भी मैं गोलियां खाती थी तो बेहोश हो जाती थी और अगले दिन मेरे शरीर में सूजन आ जाती थी। इससे मुझे बहुत दर्द होता है। जिसके कारण मेरी 11वीं की पढ़ाई भी बाधित हो रही है।” लड़की ने यह भी बताया कि मां ने उसके घर आए कुछ लोगों से संबंध बनाने के लिए भी प्रताड़ित किया, ये लोग फिल्म मेकर्स होने का दावा कर रहे थे।
लड़की ने कहा कि दवा लेने से इनकार करने पर वह मारती थी। नाबालिग ने अपनी शिकायत में आगे कहा है, “वह (मां) मुझे इंटरमीडिएट पूरा करने के बाद फिल्म निर्देशकों और निर्माताओं के साथ कमिटमेंट के लिए तैयार करना चाहती है। जब भी मैं दवा लेने से मना करती, वह मुझे पीटती। और बिजली के झटके देने की धमकी भी देती थी।” शिकायत मिलते ही राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष केसली अप्पा राव, पुलिस टीम के साथ लड़की के घर गए और उसे अपने साथ ले गए।
लड़की ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके पिता के राजेश कुमार ने उसकी मां को तलाक दे दिया था। उसने बाद में किसी अन्य व्यक्ति से शादी कर ली, जिसकी कुछ साल बाद मृत्यु हो गई। अप्पा राव ने TOI को बताया कि लड़की ने पहले 112 डायल किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। बाद में उसने 1 जून को किसी अन्य व्यक्ति की मदद से चाइल्डलाइन नंबर 1098 पर डायल किया। आयोग ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए नाबालिग की शिकायत पुलिस को सौंप दी है। पुलिस अधिकारियों को लड़की को दी जाने वाली दवाओं को टेस्टिंग के लिए भेज दिया है।
पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।
इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।
हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.