मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam in Madhya Pradesh) से एक बेहद हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है, जहां एक युवक रेप के के झूठे केस में 666 दिन तक जेल की सजा काटी और बाद में कोर्ट ने उसे निर्देोष करार देते हुए बरी कर दिया। जेल से रिहा होने के बाद अब युवक ने शासन-प्रशासन के खिलाफ क्षतिपूर्ति के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का दावा ठोक दिया है। दैनिक जागरण के मुताबिक, निर्दोष युवक ने दोषमुक्त होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय में मध्य प्रदेश शासन और जांच अधिकारी के खिलाफ 10 हजार छह करोड़ दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा ठोका है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई अगली तारीख 10 जनवरी तय की है।
क्या है पूरा मामला?
जागरण के अनुसार, एक महिला ने युवक पर रेप का आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि वह 18 जनवरी 2018 को अपने घर थी। तभी दोपहर करीब 12 बजे आरोपित कांतू पुत्र नरसिंह अमलीयार निवासी ग्राम घोड़ाखेड़ा आया। इस दौरान उसने महिला से अपने साथ जाने को कहा, ताकि वह उसे उसके भाई के घर छोड़ देगा। महिला का आरोप है कि वह कांतू के साथ बाइक पर बैठ कर चल पड़ी, लेकिन आरोपी भाई के यहां ले जाने के बजाए जंगल ले गया और उसके साथ जबरन रेप किया।
पुलिस ने दर्ज की FIR
महिला ने बाजना थाना में युवक के खिलाफ FIR दर्ज कराई। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि आरोपी ने रेप की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद अन्य आरोपित भेरू उर्फ भेरूसिंह उसे अपने साथ इंदौर ले गया और छह महीने तक रखकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। जिसके बाद आरोपी उसे बाजना छोड़ आया। इसके बाद उसने अपने पति को सारी बात बताई।
666 दिन जेल की सजा काटने के बाद युवक बरी
पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर आरोपित कांतू और भेरू के खिलाफ धारा 376D, 346 और 120 के तहत FIR दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने कांतू को 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, 20 अक्टूबर 2022 को कोर्ट ने महिला के आरोप साबित नहीं होने के बाद दोनों को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। इसके बाद युवक ने रतलाम शासन एवं कई अधिकारियों के खिलाफ क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया।
फर्जी केस में बेकसूर को काटनी पड़ी जेल की सजा
बरी होने युवक कांतू ने बताया कि वह बेकसूर होकर भी करीब दो साल तक जेल में रहा। युवक ने कहा कि उसे फर्जी रेप केस में फंसाया गया। तीन साल तक वह फरार रहा और करीब दो साल का समय जेल में काटा। कांतू ने बताया कि जेल में रहने के कारण उसका परिवार काफी परेशान रहा। यहीं नहीं कांतू के लंबे समय तक जेल में रहने से उसका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया। इसलिए उसने क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया है। फिलहाल, मामले की सुनवाई 10 जनवरी को होनी है।
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