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Home हिंदी कानून क्या कहता है

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस चेलमेश्वर बोले- ‘कुछ जज आलसी होते हैं, फैसला लिखने में सालों लगा देते हैं’

Team VFMI by Team VFMI
April 16, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Some Judges Are Lazy: Justice Chelameswar

24
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर (Justice J. Chelameswar) ने हाल ही में कुछ जजों पर ‘आलसी‘ होने और फैसला लिखने में सालों लगा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ इस तरह के आरोप लगाए जाने के बावजूद कॉलेजियम अक्सर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। उन्होंने कहा कि कुछ जज आलसी होते हैं और वे समय पर फैसले तक नहीं लिखते हैं। उन्हें फैसले लिखने में सालों लग जाते हैं। चेलमेश्वर ने दावा किया कि कई जज तो ऐसे हैं, जिन्हें काम ही नहीं आता है।

जस्टिस चेलमेश्वर ने केरल के कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “कॉलेजियम के सामने तमाम मामले आते हैं, लेकिन अक्सर कुछ नहीं होता है। अगर जजों के खिलाफ आरोप गंभीर हैं तो एक्शन लिया जाना चाहिए। सामान्य तरीका है कि जिस जज पर आरोप है, उसका ट्रांसफर कर दिया जाए। कुछ जज आलसी होते हैं और निर्णय लिखने में सालों-साल लग जाते हैं। कुछ जज अक्षम हैं।”

बार एंड बेंच के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, “अब अगर मैं कुछ भी कहता हूं तो कल मुझे यह कहते हुए ट्रोल किया जाएगा कि वह रिटायर होने के बाद यह सब क्यों कह रहे हैं लेकिन यह मेरा भाग्य है। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई कोर्ट के दो फैसलों को वापस भेज दिया, क्योंकि वह समझ नहीं पाया कि उसके फैसलों में क्या कहा गया है।”

जस्टिस चेलमेश्वर ने केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू के 42वें संशोधन को लेकर दिए गए बयान पर कहा, “किसी का इस बात पर ध्यान नहीं है कि कॉलेजियम सिस्टम को कैसे मजबूत किया जाए ताकि आम आदमी को इसका लाभ मिले।” चेलमेश्वर भारतीय अभिभाषक परिषद की केरल हाई कोर्ट इकाई द्वारा आयोजित कोच्चि के केरल एचसी सभागार में एक संगोष्ठी में ‘क्या कॉलेजियम संविधान के लिए एलियन हैं?’ विषय पर बोल रहे थे।

मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम पर बोलते हुए जज ने इस तर्क का उल्लेख किया कि संविधान के टेक्स्ट में ‘कॉलेजियम’ शब्द नहीं है। उन्होंने सवाल किया, “मेरे दोस्त, जो सभी वकील हैं, क्या संविधान में ऐसा कुछ है जो प्रेस की स्वतंत्रता कहता है? अगर इस तर्क को स्वीकार कर लिया जाए तो प्रेस की आजादी समेत ऐसी तमाम चीजें जा सकती हैं।”

"Some judges are lazy…":

– Justice Jasti Chelameswar
(Former Supreme Court of India Judge)#VoiceForMen pic.twitter.com/wudIN6HZF4

— Voice For Men India (@voiceformenind) April 13, 2023

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