दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) की तरह किसी भी महिला आयोग की कोई अन्य अध्यक्ष नियमित रूप से खबरों में नहीं रही। मालीवाल एक बार फिर अपने ‘मृत’ पिता के खिलाफ लगाए गए अपने हालिया आरोपों के कारण ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। दरअसल, स्वाति मालीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके पिता ने बचपन में उनका यौन उत्पीड़न किया था और इस आघात ने उन्हें महिलाओं के अधिकारों के वास्ते लड़ने के लिए प्रेरित किया था।
मालीवाल ने डीसीडब्ल्यू अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार समारोह के बाद पत्रकारों से कहा कि चौथी कक्षा तक उन्हें दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘जब मैं बच्ची थी तब मेरे पिता ने मेरा यौन उत्पीड़न किया था। मैं उस समय बहुत छोटी थी। मेरे पिता मुझे मारते थे और मैं खुद को बचाने के लिए पलंग (बेड) के नीचे छिप जाती थी।’
उन्होंने कहा, ‘पलंग के नीचे छिपकर मैं सोचती थी, मैं ऐसे पुरुषों को कैसे सबक सिखाऊंगी जो महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और मैं महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने में कैसे मदद कर सकती हूं।’ अपनी आपबीती सुनाते हुए मालीवाल ने कहा कि उनके पिता उनकी चोटी पकड़कर उनकी पिटाई करते थे, जिससे खून भी बहने लगता था। उन्होंने कहा, ‘यह तब तक हुआ जब तक मैं चौथी कक्षा में थी।’
सोशल मीडिया पर हुईं ट्रोल
स्वाति मालीवाल के इस बयान के सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। स्वाति मालीवाल के पूर्व पति नवीन जयहिंद ने ट्विटर पर एक ट्वीट और एक वीडियो जारी कर बिना नाम लिए अपनी पूर्व पत्नी के दावों की आलोचना की। नवीन जयहिंद ने एक ट्वीट में लिखा, “फ़िल्म का नया नाम होना चाहिए था “तू महाझूठी मैं महामक्कार” जब आदमी मक्कार.मौक़ामार और मुर्दा हो जाता है तो वो मुर्दों पर ही वार करता है आदमी में हरामीपन आ जाता है लोभ लालच तन मन पर छा जाता है तो वो ज़िंदा लोगो के कुकर्मों पर नही बोल पाता है।मुर्दों पर बोलके मर्द नहीं बनते घटिया।”
शायद मीडिया द्वारा स्वाति के बयान को लेकर प्रतिक्रिया के लिए परेशान किए जाने के बाद नवीन ने एक और ट्वीट में लिखा, “मेरी हाथ जोड़ के प्रार्थना है पत्रकार साथियों मीडिया व सोशल मीडिया के साथियों से कि मैं गटर में नहीं उतरना चाहता बहुत गंदगी होती है गटर में तो इस कीचड़/गंदगी से मुझे दूर रखे दोस्तों।मेरे पास और बहुत काम है मुझे मुर्दों (आत्माओ) पर सवाल करने के लिए कोई पत्रकार साथी फ़ोन ना करें।”
राजनीतिक नेताओं की एंट्री
इस मामले में देखते ही देखते राजनीतिक कीचड़ उछालना शुरू हो गया। बीजेपी की प्रीति गांधी ने मालीवाल के 2016 के पहले के बयान को ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने खुद को ‘एक फौजी की गर्व करने वाली बेटी’ के रूप में संबोधित किया था। इसके अलावा कांग्रेस की राधिका खेरा ने सवाल किया कि क्या मालीवाल का बयान हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक नौटंकी है। खेरा ने लिखा, “डर तो अब दिल्ली की जनता रही है कि किन पाखंडियों पर विश्वास कर के उन्हें दिल्ली सौंपी! सत्ता का नशा इतना है, छपास की बीमारी इतनी है कि कुछ का कुछ बोल दें। हरियाणा में चुनाव आने को है क्या इसीलिए स्वाति व उनके पति ने अपने फ़ौजी पिता पर अब आरोप लगाए? एक एक कर AAP बेनक़ाब!”
वहीं, डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला (BJP) ने भी स्वाति मालीवाल द्वारा अपने पिता पर लगाए गए आरोप की निंदा की और कहा कि वह शायद अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं। बरखा शुक्ला ने एक ट्वीट में लिखा, “यह महिला इस पद के लायक़ नहीं है। जिस महिला की ख़ुद की मानसिक स्तिथि ठीक नहीं हो वह भला दूसरी महिलाओं को क्या इंसाफ़ दिलवायेगी। कल तक जिस पिता के लिये बोल रही है की गर्व है, आज वही पिता इसको दरिंदा नज़र आ रहा है। इतने समय तक चुप क्यूं बैठी थी।”
इसके अलावा न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बरखा शुक्ला ने कहा कि मुझे लगता है कि स्वाति मालीवाल ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। इसलिए वह इस तरह की बात करती हैं। पहले उसने अपने पति पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद अब वह अपने मृत पिता पर आरोप लगा रही है। यह बिल्कुल गलत और बेहद शर्मनाक है।
शुक्ला ने आगे कहा कि साल 2016 में स्वाति मालीवाल ने कहा था कि उनके पिता फौजी हैं और उन्हें उन पर गर्व है। देश के लिए जान भी दे सकते हैं और वही पिता आज जब जिंदा नहीं हैं तो उनकी बात स्वाति मालीवाल कर रही हैं। वह उस पर शारीरिक रूप से हमला करने का आरोप लगा रही है जब वह इस दुनिया में नहीं है और मर चुका है।
उन्होंने कहा कि मैं एलजी साहब से अनुरोध करता हूं कि उन्हें तुरंत उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे समाज में बहुत परेशानी पैदा होगी। यह एक गलत संदेश है जो दिल्ली की महिलाओं और बेटियों को प्रभावित करेगा। पिता और बेटी के रिश्ते को लेकर यह गलत धारणा है।
बता दें कि मालीवाल ने अपने परिवार के सदस्य के खिलाफ पहले भी हमलावर रही हैं। 2020 में मालीवाल ने सार्वजनिक रूप से तलाक की घोषणा करते हुए लिखा था कि मेरी परी कथा समाप्त हो गई। कभी-कभी, सबसे अच्छे लोग एक साथ नहीं रह सकते।
हालांकि, अपने तलाक के 1.5 साल के भीतर, मालीवाल ने एक ट्वीट में लिखा था कि कैसे वह एक खराब शादी से मुक्त महसूस कर रही हैं। मई 2021 में, मालीवाल ने अपने पूर्व पति पर हमला करते हुए लिखा था कि एक बुरी शादी से बाहर निकलना चुपचाप सहने से कहीं बेहतर है।
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