मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल से पिछले साल एक ऐसा संवेदनहीनता का मामला सामने आया था, जहां एक पत्नी ने कैंसर से पीड़ित अपने बीमार पति को भरण-पोषण का भुगतान करने के लिए कहा है, जबकि वह खुद काम कर रही है। इस घटना के बारे में भोपाल फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता रजनी (Bhopal Family Court Counsellor Sarita Rajani) ने मीडिया को जानकारी है, जहां वह खुद पत्नी के इस व्यवहार से सदमे में हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, भोपाल के फैमिली कोर्ट में एक महिला ने गुजारा भत्ता के लिए अर्जी दी है। इस जोड़े की शादी को 8 साल हो चुके हैं। हालांकि, पिछले 4 साल से पति की तबीयत खराब होने के कारण कपल अलग रह रहे हैं। पति को 4 साल से रीड की हड्डी का कैंसर है। उनका एक 7 साल का बेटा भी है जो मां के साथ रहता है। महिला अपने पति के घर पर कब्जा कर रही है, जबकि पीड़ित पुरुष अपने पिता के घर वापस चला गया है। पत्नी के अनुसार, उसे और उसके बेटे को भरण-पोषण देना उसके पति का कर्तव्य है। हालांकि पत्नी खुद काम कर रही है।
‘किडनी बेचकर पैसे दो’
इतना ही नहीं महिला का कहना है कि पति अपनी किडनी बेचकर उसे पैसे दे। पत्नी ने पति से कहा कि आप अपनी किडनी बेच दो। 2 लाख रुपये में मैं बिकवा देती हूं। आपकी किडनी से किसी और को जीवन मिल जाएगा साथ ही आपके बच्चे को भरण पोषण की राशि भी मिल जाएगी। उसने कहा कि वैसे भी मरने वाले हो तो मरते हुए किसी का भला कर जाओ।
पत्नी ने कहा कि चाहें जैसे भी हो उसे बेटे के नाम पर एफडी के रूप में 2 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। पति ने कोर्ट को बताया कि वह पिछले कई सालों से कीमोथेरेपी करवा रहा है, जिस वजह से काम नहीं कर पा रहा था। वह अपने नाबालिग बेटे के नाम पर अपार्टमेंट ट्रांसफर करने को तैयार है, लेकिन यह पत्नी को मंजूर नहीं है और वह भरण-पोषण पर जोर दे रही है।
ऐसी मां का बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
पत्नी की ओर से इस तरह की बातें सुनकर काउंसलर रजनी चौंक गईं, खासकर जिस तरह से वह अपने ही बेटे के सामने बोल रही थीं। रजनी ने सवाल किया कि यह महिला अपने बेटे के बड़े होने और भविष्य में उससे देखभाल करने की उम्मीद कैसे करेगी?
जब वह मर जाएगा तो आप कैसे रहोगी?
जब काउंसलर ने पत्नी से पूछा कि पति के जाने के बाद वह कैसे रहेगी? इस पर महिला ने कहा कि कम से कम यह तो तर्क दिया जाएगा कि वह मर चुका है। हालांकि, जब तक वह जीवित है, वह सुनिश्चित करेगी कि वह उसे भुगतान करे।
काउंसलर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब हमें इस तरह का व्यवहार देखने को मिलता है तो हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या समाज वाकई इतनी तेजी से बदल रहा है। आगे बढ़ने वाले रिश्तों पर हमें कितना भरोसा करना चाहिए? उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को देखकर तो हमारा पति-पत्नी से पवित्र रिश्तों पर से विश्वास ही उठ जाएगा।
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