किसी महिला को संपत्ति या मूल्यवान सुरक्षा (property or valuable security) की मांग को पूरा करने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से अत्याचार या उत्पीड़न के रूप में क्रूरता को दहेज अपराध (Dowry Crime) के रूप में परिभाषित किया गया है। हालांकि, सोमवार को एक दुर्लभ मामले में जोधपुर के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate in Jodhpur) ने पुलिस को ससुराल वालों को दहेज देने के आरोप में दुल्हन के पिता के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया।
क्या है पूरा मामला?
– दरअसल, मनीषा (Manisha) ने 2017 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैलाश (Kailash) से शादी की थी।
– दुल्हन के पिता रामलाल (Ramlal) द्वारा मामला एक दर्ज कराया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी बेटी के ससुराल वालों ने उसे दहेज के नाम पर परेशान किया और उसे उसके पति के साथ रहने नहीं दिया, जो नोएडा में काम करता है।
– पूर्व सैनिक रामलाल ने दलीलों के दौरान जोर देकर कहा कि 2017 में उसने अपनी बेटी की शादी के दौरान पर्याप्त दहेज और 1 लाख रुपये की नकदी का एक लिफाफा दिया था।
– लड़की के पिता के अनुसार, जब वह अपनी बेटी को नोएडा ले गया, तो कैलाश ने उसे स्वीकार नहीं किया और उन्हें धक्का देकर भगा दिया।
– उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके ससुर ने उनकी बेटी के लिए गलत इरादों को बढ़ावा दिया।
– हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ब्रजेश पारीक के अनुसार ससुर जेठमल (जो एक सरकारी टीचर हैं) ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
– बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि हमने तर्क दिया कि यदि दहेज लेना अपराध है तो दहेज देना भी अपराध है और कोर्ट से अपील की कि वह पुलिस को रामलाल के खिलाफ भी दहेज देने का मामला दर्ज करने का निर्देश दे।
अदालत का आदेश
– अपील स्वीकार करते हुए मजिस्ट्रेट ऋचा चौधरी (Magistrate Richa Choudhary) ने पुलिस को दहेज देने के आरोप में दुल्हन के पिता के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। मामले में आगे की सुनवाई जारी रहेगी।
– पारीक ने कहा कि पहली बार दहेज मामले में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 3 का प्रयोग किया गया है और दहेज देने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
– पुलिस ने मामले में जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जहां बहस चल रही है।
यह मामला उस लड़की के परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक अच्छा उदाहरण होना चाहिए जो शादी के समय “गिफ्ट्स” के नाम पर नकद, गहने और अन्य संपत्तियां देते हैं। किसी भी मामले में एक लड़के के परिवार द्वारा शादी के दौरान लड़की से कुछ भी मांगना उचित नहीं है। हालांकि, शादी के समय उनकी मांगों को न मानने का दायित्व लड़की के परिवार पर भी होना चाहिए। विवाह के समय दिया गया कोई भी दहेज तलाक दाखिल करने का मामला नहीं बनना चाहिए, क्योंकि अपराध में दोनों पक्ष समान रूप से शामिल रहे हैं।
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ARTICLE IN ENGLISH:
Rajasthan court asks police to book father of the bride for “Giving Dowry”
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