महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने हाल ही में बताया कि मुंबई में पारिवारिक अदालतों (family courts) में 5,000 से अधिक तलाक के मामले लंबित हैं। इसलिए राज्य सरकारें जल्द ही लंबित मामलों को कम करने के लिए शहर में 17 नए फैमिली कोर्ट की स्थापना करेंगी। फडणवीस ने यह भी कहा कि कुल मिलाकर राज्य में 41 नए फैमिली कोर्ट स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रत्येक जिले में एक फैमिली कोर्ट हो। उन्होंने कहा कि हम कोशिश में हैं कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर एक फैमिली कोर्ट स्थापित हो।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, फडणवीस विधान परिषद में MLC विलास पोटनिस, सुनील शिंदे और सचिन अहीर द्वारा उठाए गए मुंबई में पारिवारिक अदालतों में लंबित मामलों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस दौरान फडणवीस ने बताया कि राज्य में कुल 37 फैमिली कोर्ट हैं। हमारे पास 11 जिलों में फैमिली कोर्ट हैं और हम 17 और जिलों में फैमिली कोर्ट स्थापित कर रहे हैं। हम मुंबई में फैमिली कोर्ट के लिए एक बड़ा ग्राउंड और 11 मंजिला बिल्डिंग बना रहे हैं। काम प्रगति पर है। फैमिली कोर्ट में और सुविधाएं बढ़ाने के लिए हम और फंड जारी करेंगे।
उन्होंने कहा कि अब तक सरकार उन जिलों में फैमिली कोर्ट स्थापित कर रही है जहां अधिक पेंडेंसी है। फडणवीस ने कहा, “हमारे पास 25 जिलों में फैमिली कोर्ट हैं और हम जल्द ही हर जिले में एक कोर्ट स्थापित करेंगे।” उन्होंने कहा, “इन अदालतों को स्थापित करने से पहले, हम हाई कोर्ट और अन्य अधिकारियों से परामर्श कर रहे हैं। हमारा अंतिम लक्ष्य 10 लाख लोगों के लिए एक अदालत स्थापित करने का है। हम वहां पहुंचने की कोशिश करेंगे। हम पुणे में चार पारिवारिक अदालतों की भी योजना बना रहे हैं। हमने पुणे में बच्चों के खेलने की जगह जैसी सुविधाओं के साथ एक नया फैमिली कोर्ट शुरू किया है।”
डिप्टी सीएम ने कहा कि फैमिली कोर्ट में जज हमेशा परामर्श और सुलह का प्रयास करते हैं। यह कहते हुए कि इस प्रथा को और मजबूत किया जाएगा फडणवीस ने कहा कि सरकार 75,000 कर्मचारियों की भर्ती के लिए योजना के तहत सभी खाली पदों को भरेगी। यह कानून और न्यायपालिका विभाग द्वारा किया जाएगा और इसमें संरक्षण अधिकारी शामिल होंगे जो घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत काम करते हैं।
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