बेंगलुरु (Bengaluru) से एक ऐसी इमोशनल स्टोरी सामने आई है जो एक बार फिर साबित करती है कि पुरुष कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। पढ़िए, एक 74 वर्षीय व्यक्ति की कहानी जो अंग्रेजी लेक्चरर के रूप में रिटायरमेंट होने के बाद कैसे ऑटो रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन कर रहा है।
टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक लड़की ऑटो ड्राइवर के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने के कौशल से हैरान रह गई। उसने लिंक्डइन पोस्ट में दिल छू लेने वाली स्टोरी शेयर की है, जिससे कई लोग प्रेरित हुए हैं और अब यह स्टोरी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
क्या है पूरा मामला?
एक पोस्ट में अपनी पूरी कहानी बताते हुए निकिता (Nikita) ने लिखा कि कैसे वह हाईवे के बीच में कैब बुक नहीं कर पा रही थी। उसी दौरान एक ऑटो चालक उसकी मदद के लिए आया और उससे पूछा कि क्या उसे लिफ्ट की जरूरत है? जब लड़की ने उसे बताया कि शहर के दूसरे छोर पर स्थित ऑफिस के लिए देर हो रही है, तो ऑटो चालक ने अच्छी अंग्रेजी में जवाब दिया, ‘कृपया अंदर आएं मैम, आप जो चाहें भुगतान कर सकती हैं।’ निकिता शुरू में तो उसकी अंग्रेजी सुनकर हैरान रह गईं। उसने उत्सुकता से उससे पूछा कि आप इतनी अच्छी अंग्रेजी कैसे बोलते हैं। इसके बाद दोनों के बीच करीब 45 मिनट बातचीत हुई, जिस दौरान उसने लड़की को अपनी पूरी कहानी बताई।
मुंबई में अंग्रेजी का लेक्चरर था ऑटो ड्राइवर
74 वर्षीय ऑटो चालक पटाबी रमन (Pataabi Raman) ने खुलासा किया कि वह मुंबई के एक कॉलेज में अंग्रेजी लेक्चरर हुआ करता था और उसने एमए एवं एमएड किया है। निकिता के अगले सवाल की भविष्यवाणी करते हुए पटाबी रमन ने कहा कि तो आप मुझसे पूछने जा रहे हैं कि मैं ऑटो क्यों चला रहा हूं? एक सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, ऑटो चालक ने अपने जीवन के बारे में राज खोला और बताया कि कि वह 14 सालों से ऑटो-रिक्शा चला रहा है। वह मुंबई के एक कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे, क्योंकि उनकी जाति के कारण उन्हें कर्नाटक में नौकरी नहीं मिली थी।
रिटायरमेंट के बाद नहीं मिला पेंशन
पटाबी रमन 60 साल की आयु में रिटायर हुए और फिर उन्होंने एक प्राइवेट कॉलेज में काम किया, इसलिए वे किसी भी पेंशन के हकदार नहीं थे। तभी उन्होंने कर्नाटक वापस जाने और ऑटो चलाने का फैसला किया। वह वर्तमान में अपनी 72 वर्षीय पत्नी के साथ कडुगोडी में रहते हैं। उन्होंने कहा कि टीचरों को अच्छी सैलरी नहीं मिलती है। आप अधिकतम 10 से 15,000 रुपये कमा सकते हैं और चूंकि यह एक प्राइवेट संस्थान था, इसलिए मुझे पेंशन नहीं मिली। रिक्शा चलाने से मुझे रोजाना कम से कम 700-1500 रुपये मिलते हैं, जो मेरे और मेरी पत्नी के लिए काफी हैं।
पत्नी को बुलाते हैं गर्लफ्रेंड
पताबी ने लड़की से बताया कि वह अपनी पत्नी को गर्लफ्रेंड कहते हैं, क्योंकि आपको हमेशा उनके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। जैसे ही आप पत्नी कहते हैं, पति सोचते हैं कि वह एक दासी है जिसे आपकी सेवा करनी चाहिए लेकिन वह किसी भी तरह से मुझसे कम नहीं है, वह कभी-कभी मुझसे ज्यादा श्रेष्ठ होती है। उन्होंने बताया कि वह 72 साल की हैं और घर की देखभाल करती हैं जबकि मैं दिन में 9-10 घंटे काम करता हूं। रमन ने कहा कि हम कडुगोडी में 1 BHK फ्लैट में रहते हैं जहां मेरा बेटा 12,000 रुपये का किराया देने में मदद करता है, लेकिन हम अपने बच्चों पर निर्भर नहीं हैं। वे अपना जीवन जीते हैं और हम खुशी से अपना जीवन जीते हैं। अब मैं अपनी सड़क का राजा हूं, मैं जब चाहूं अपना ऑटो निकाल सकता हूं और जब चाहूं काम कर सकता हूं।
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