मुंबई की एक अदालत ने हाल ही में एक 37 वर्षीय व्यक्ति को एक लोकल ट्रेन में एक महिला के गाल पर जबरन किस करने का दोषी पाए जाने पर उसे एक साल के सश्रम कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि आरोपी व्यक्ति ने जोर देकर कहा कि यह घटना इसलिए हुआ क्योंकि उसे गलती से एक यात्री ने धक्का दे दिया था। अदालत ने उसकी बात पर विश्वास करने से इनकार कर दिया और टिप्पणी की कि एक महिला पुरुष के इरादे को समझती है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला सात साल पहले 2015 का है। शख्स पर आरोप है कि उसने 2015 में एक महिला को ट्रेन के जनरल कम्पार्टमेंट में जबरन किस किया था। वहीं, दूसरी तरफ उसने अपने बचाव में कहा था कि धक्के की वजह से वो महिला के ऊपर गिर गया था। कोर्ट ने इस मामले में महिला के इंट्यूशन को आधार बनाते हुए एक साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं जल्द ही सामने वाले के इरादे समझ लेती हैं। इसे साधारण रूप से महिलाओं का अंतर्ज्ञान कहा जाता है।
कोर्ट ने आरोपी के दावों को किया खारिज
कोर्ट ने सजा सुनाते हुए आरोपी का यह तर्क खारिज कर दिया कि उसे ट्रेन में यात्रा के दौरान साथी यात्रियों का धक्का लगा था, जिसके चलते वह महिला पर गिर गया और उसके होंठ अनजाने में महिला के गालों को छू गए। किरण सुब्रया होनावर (Kiran Subraya Honavar) को दोषी करार देते हुए मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट वीपी केदार ने कहा कि FIR में साफ लिखा है कि ट्रेन में चढ़ने के बाद आरोपी महिला के सामने वाली सीट पर बैठ गया और उसे लगातार घूर रहा था।
मजिस्ट्रेट ने आगे कहा कि महिलाओं में नॉन वर्बल (गैर-मौखिक) इशारों को समझने की जन्मजात क्षमता होती है। वह छोटी बारीकियों को भी जल्दी पढ़ लेती हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि महिला ने ये आरोप अनजाने में हुई एक हरकत के खिलाफ लगाया। लोकल ट्रेन में हुई इस घटना में महिला का एक दोस्त चश्मदीद गवाह बना जिसके बयान के आधार पर कोर्ट ने 37 साल के बिजनेसमैन को एक साल के कठिन श्रम की सजा सुनाई।
लोकल ट्रेन में किस करने का आरोप
किरण होनावर के खिलाफ 2015 में महिला ने यौन शोषण का केस दर्ज करवाया था। महिला ने आरोप लगाया था कि किरण ने हार्बर लाइन ट्रेन के जनरल कम्पार्टमेंट में उनके गाल पर जबरन किस किया था। केस की सुनवाई के दौरान महिला ने बताया था कि किरण बहुत देर से सामने बैठकर उन्हें घूर रहा था। इसके बाद भीड़ का फायदा उठाते हुए उसने महिला को चूम लिया। ये घटना महिला के साथ बैठी उनकी दोस्त ने भी देख ली थी। महिला ने घटना के खिलाफ उस दौरान आवाज भी उठाई थी और वहां मौजूद आसपास के लोगों का ध्यान भी इस घटना पर गया और लोगों ने मौके पर ही किरण की पिटाई भी कर दी थी।
गवाहों की गवाही पर कोर्ट ने सुनाई सजा
इसके बाद महिला ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने उस पर अप्रत्याशित रूप से उसके दाहिने गाल पर किस करने का आरोप लगाया था। घटना के दो और गवाहों ने भी सबूत पेश किए जिन्होंने महिला के शोर मचाने पर ट्रेन में यात्रियों को उस शख्स को पीटते हुए देखा था। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने प्रत्यक्ष, ठोस और सकारात्मक सबूतों से यह साबित किया कि आरोपी ने महिला के दाहिने गाल पर किस किया था। परिस्थितिजन्य तथ्यों ने साफ है कि आरोपी ने जानबूझकर पीड़िता के गाल को किस किया जिससे उसका शील भंग हो गया।
इस मामले में अधिकतम सजा पांच साल की जेल है, हालांकि मुंबई कोर्ट ने आरोपी को एक साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। कोर्ट ने शख्स पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना राशि वसूल होने पर महिला को मुआवजे के तौर पर 5,000 रुपये की राशि देनी होगी। जुर्माने की आधी राशि परिवादी को अदा करने का आदेश दिया गया है।
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