टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana High Court) ने सोमवार को दहेज उत्पीड़न के एक मामले में एक IPS अधिकारी सहित चार पुलिस अधिकारियों को उनके रौबदार रवैये के लिए दोषी ठहराते हुए चार सप्ताह की जेल की सजा सुनाई है। हाई कोर्ट ने हैदराबाद के पुलिस आयुक्त को चारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। साथ ही पीड़ित को गंभीर रूप से प्रताड़ित करने के लिए उनमें से प्रत्येक पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
क्या है पूरा मामला?
कोर्ट ने जुबली हिल्स की जक्का विनोद कुमार रेड्डी (49) और उनकी मां सौजन्या रेड्डी की ओर से दायर मामले में फैसला सुनाया। सौजन्या और विनोद फिलहाल बैंकॉक और थाईलैंड में रहते हैं। विनोद ने 2011 में सुमना परुचुरी से शादी की थी। दोनों की यह दूसरी शादी थी। दोनों के बीच मतभेदों के चलते विनोद और सुमना जुलाई 2014 से अलग रहने लगे।
विनोद की पहली पत्नी से एक बेटी है और वह उसे बैडमिंटन में प्रशिक्षित करने के लिए बैंकॉक में रहने लगे। उनकी बेटी वर्तमान में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली बैडमिंटन में जूनियर वर्ल्ड नंबर 2 है। विनोद की मां भी अपने बेटे और पोती के साथ बैंकॉक गई थीं।
विनोद अपनी पत्नी के खिलाफ बेंगलुरु में अपनी संपत्ति पर कब्जा करने से रोकने के लिए मुकदमा लड़ रहा था। जुबली हिल्स पुलिस इंस्पेक्टर ने बेंगलुरु में सब-रेजिस्ट्रार्स को अपनी संपत्तियों पर किसी भी बिक्री लेनदेन पर विचार नहीं करने के लिए पांच पत्र जारी किए। इस बीच, सुमना ने 2019 में (अलग होने के 5 साल बाद) विनोद, उसकी मां और उसकी बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया।
धारा 498-A के तहत केस दर्ज
अर्नेश कुमार जजमेंट (2014) के अनुसार, पुलिस को धारा 41-A CrPC के तहत नोटिस देना अनिवार्य है। श्रीनिवास ने उस समय पश्चिमी क्षेत्र के डीसीपी थे, उन्होंने विनोद और उनकी मां के खिलाफ एक एलओसी जारी किया जबकि वह यह जानते थे कि विनोद और उनकी मां बैंकॉक में हैं। IPS अधिकारी एआर श्रीनिवास हैं, जो वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), हैदराबाद हैं। जेल भेजे जाने वाले अन्य लोगों में सहायक पुलिस आयुक्त (बंजारा हिल्स) एम सुदर्शन, जुबली हिल्स सर्कल इंस्पेक्टर एस राजशेखर रेड्डी और सब-इंस्पेक्टर नरेश शामिल हैं। हालांकि, हाई कोर्ट ने छह सप्ताह के लिए सजा पर रोक लगा दी ताकि दोषी अधिकारी सजा के खिलाफ अपील दायर कर सकें।
विनोद के वकील दिलजीत सिंह अहलूवालिया ने कहा कि श्रीनिवास ने सुमना के साथ मिलीभगत की और पुलिस ने भी मां-बेटे की जोड़ी को फरार बताकर अदालत को गुमराह किया। वकील ने कहा कि मां और बेटे के खिलाफ दूसरी FIR अवैध रूप से दर्ज की गई थी। अदालत के संज्ञान में लाया गया कि कैसे पुलिस ने विनोद को आर्म्स एक्ट के मामले में फंसाने की कोशिश कि, इस तथ्य के बावजूद कि उसने जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल जमा कर दी थी।
दिलजीत ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने सुमना के साथ मिलीभगत कर मां-बेटे की जोड़ी को फरार बताकर कोर्ट को गुमराह किया। दिलजीत ने कहा कि पुलिस को भेजे गए व्हाट्सएप मैसेज में हरे रंग की टिक दिखाई देती है।
तेलंगाना हाई कोर्ट
तेलंगाना हाई कोर्ट की जज जस्टिस जी राधा रानी ने वैवाहिक विवाद मामले से निपटने के दौरान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने और पति के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने के लिए पुलिस को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने हैदराबाद के पुलिस आयुक्त को चारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया और पीड़ित को गंभीर उत्पीड़न के अधीन करने के लिए उनमें से प्रत्येक पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। हाई कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले में दोषी पाया और उन्हें चार सप्ताह की जेल की सजा सुनाई।
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