हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद छात्राओं को पासपोर्ट प्रदान करेंगे। मनोहर लाल खट्टर ने जुलाई 2020 में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि राज्य की छात्राओं को ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी होने पर तुरंत बाद पासपोर्ट प्रदान किया जाएगा। साथ ही कहा कि सभी प्रक्रियाओं का पालन कर संबंधित कॉलेजों में ही पूरा किया जाएगा।
सीएम मनोहर लाल ने अपने ऐलान में कहा था कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी छात्राओं को ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ उनके संस्थानों से पासपोर्ट प्राप्त करना चाहिए। सीएम ने यह घोषणा “हर सर हेलमेट” कार्यक्रम के दौरान किया था।
यह कार्यक्रम पूरी तरह से नागरिकों की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने के बारे में जागरूकता फैलाने पर केंद्रित था। करनाल में 18 से 25 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 100 छात्रों को टीचर ड्राइविंग लाइसेंस और मुफ्त हेलमेट प्रदान करने के लिए इसका आयोजन किया गया था।
इस दौरान सीएम ने कहा कि छात्रों को यातायात नियमों से अवगत कराने के लिए लर्नर लाइसेंस दिया जाएगा। इस मौके पर सीएम खट्टर ने कुछ छात्रों को हेलमेट भी बांटे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कार्यक्रम राजनीतिक विषय से अलग है और इसके दीर्घकालिक परिणाम होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि हेलमेट का उपयोग करना और पहनना सुरक्षा रोकथाम है। इससे दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। सीएम खट्टर ने देश में होने वाली दुर्घटनाओं की अनुमानित संख्या भी बताई। उन्होंने कहा कि देश में रोजाना करीब 1,300 दुर्घटनाएं होती हैं। बिना हेलमेट के अधिकांश पीड़ितों की मौत हो जाती है। हरियाणा में हादसों में रोजाना करीब 13 लोगों की मौत होती है।
खट्टर ने हादसों की संख्या और हेलमेट पहनकर बाइक चलाने वाले लोगों की जान बचाने के आंकड़ों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अध्ययनों से पता चलता है कि यदि कोई व्यक्ति हेलमेट पहनकर वाहन चलाता है, तो दुर्घटना में बचने की 80 प्रतिशत संभावना होती है।
मुख्यमंत्री ने “बेटी बचाओ-बेटी पढाओ” जैसे कुछ प्रमुख कार्यक्रमों और भविष्य के लिए पानी बचाओ एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए हरियाणा में अन्य सभी आवश्यक कार्यक्रमों की ओर भी इशारा किया। कार्यक्रम का आयोजन अंतरराष्ट्रीय हेलमेट निर्माण कंपनी स्टड के सहयोग से सांसद संजय भाटिया द्वारा किया गया, जिसमें 100 से अधिक युवाओं को हेलमेट वितरित किए गए।
हमारा टेक
लड़कों और लड़कियों के बीच संतुलन बनाने के उद्देश्य से हमारी सरकारें पेंडुलम को दूसरे छोर पर घुमा रही हैं। ग्रेजुएशन लेवल पर लगभग 21 साल की आयु की लड़कियां और लड़के दोनों महत्वाकांक्षी होते हैं और अवसरों से भरे एक नए जीवन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि, केवल लड़कियों को इस योजना का लाभ देना स्पष्ट रूप से हमारे संविधान का घोर उल्लंघन है जो सभी के लिए समानता की अनुमति देता है।
एक तरफ तो हम अपने लड़कों को सिखाते हैं कि लड़कियों से कैसे व्यवहार करें, कैसे बात करें, कैसे सम्मान करें, जो कि जरूरी भी है। हालांकि, फिर उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाकर, हम एक समाज के रूप में एक बहुत ही गलत और असमान संदेश भेज रहे हैं।
#RIPEquality | Haryana Government To Hand Over Passports To Girls On Graduation
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