महिलाओं को पति या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा क्रूरता और दहेज उत्पीड़न से बचाने के लिए वर्ष 1983 में धारा 498-A कानून लाया गया था। हालांकि, वर्षों और दशकों में संयुक्त परिवारों के सिंगल होने के बाद भी कानून को आज तक संशोधित नहीं किया गया है। प्रभावी रूप से यह कठोर कानून असंतुष्ट महिलाओं के लिए एक हथियार बन गया है, जो अपने पति और ससुराल वालों के साथ हिसाब चुकता करना चाहती हैं।
सुप्रीम कोर्ट और कई अन्य हाई कोर्ट ने इस कानून को ‘कानूनी आतंकवाद’ या असंतुष्ट पत्नियों के लिए ढाल के बजाय एक हथियार के रूप में दुरुपयोग किया गया कानून करार दिया है। जहां आम आदमी अग्रिम जमानत के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं कुछ राजनेताओं को भी ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, जिन पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया जा चुका है।
वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव की शुरुआत से ठीक पहले हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर 498A और 406 के तहत आरोप लगाया गया था। न केवल दीपेंद्र, बल्कि हरियाणा कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा, उनकी पत्नी आशा, दीपेंद्र की बहन पर भी उनकी पत्नी गीता ग्रेवाल से कथित तौर पर दहेज की मांग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
जनवरी 2004 में प्रकाशित द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंचकुला पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया था कि हमें शिकायत मिली है और हुड्डा, उनकी पत्नी आशा और पति दीपेंद्र के खिलाफ 498A और 406 सहित विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। हम जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
हुड्डा की बहू का आरोप
24 वर्षीय गीता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसके ससुराल वाले उसके परिवार से पैसे की मांग कर रहे थे, जबकि उसकी शादी पर 25 लाख रुपये खर्च किए गए थे। FIR में कहा गया था कि तिलक समारोह पर 10 लाख रुपये खर्च किए गए और दीपेंद्र को 5 लाख रुपये की बैंक फिक्स डिपॉजिट रसीद दी गई, जो उस समय अमेरिका में काम करते थे। उसने आरोप लगाया कि हुड्डा उसके पिता से 60 लाख रुपये और एक मर्सिडीज की मांग कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए गीता ने कहा कि मैंने एफआईआर में जो चाहा वह कह दिया और अब मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है।
हुड्डा का बयान
उस समय हुड्डा परिवार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी। हालांकि, हुड्डा के एक सहयोगी ने गीता के आरोपों को खारिज कर दिया था और पंचकूला सेक्टर 19 पुलिस स्टेशन ने जिस जल्दबाजी के साथ मामला दर्ज किया था, उस पर सवाल उठाया था। उसने कहा कि 60 लाख रुपये की मांग हमारी नहीं, बल्कि गीता के परिवार की ओर से रोहतक की एक अदालत में चल रही तलाक की कार्यवाही को निपटाने के लिए की गई थी। मांग पूरी नहीं होने पर परिवार ने हुड्डा का राजनीतिक करियर खराब करने की धमकी दी थी। इस मांग को लेकर हुड्डा ने अपनी ओर से FIR दर्ज कराई थी।
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