गुरुग्राम की एक महिला पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ जनवरी 2020 में कथित तौर पर अपने पति के कॉल रिकॉर्ड को अवैध रूप से एक्सेस करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने स्थानीय अदालत के निर्देश पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस के अनुसार, सेक्टर 31 में काम करने वाले एक बैंक मैनेजर और उसकी पत्नी (जो एक पुलिस कांस्टेबल है) के बीच वैवाहिक कलह चल रहा था। वैवाहिक मामलों को लेकर दोनों के खिलाफ कई मुकदमा चल रहा था। महिला पर आरोप है कि उसने अपने पति के फोन कॉल्स की निगरानी और रिकॉर्ड करने के लिए पुलिस के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। महिला पर यह भी आरोप है कि उसने अपने दो सहयोगियों के साथ-साथ अपने सीनियर अधिकारियों के भी जाली सिग्नेचर किए।
क्या है पूरा मामला?
– कपल के बीच शादी के कुछ समय बाद से ही विवाद चल रहा था।
– पुलिस कांस्टेबल सविता कुमारी ने कथित तौर पर अपने पति की जासूसी करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और उसके अवैध रूप से फोन कॉल रिकॉर्ड किए।
– एक बैंक मैनेजर के तौर पर कार्यरत राजेश कुमार (35) को उसकी पत्नी के इरादे के बारे में तब पता चला जब उसने कथित तौर पर उसके साथ कुछ मुद्दों पर चर्चा शुरू कर दी थी, जिसके बारे में उसने सिर्फ अपने करीबी दोस्तों के साथ ही निजी तौर पर बात की थी।
– कुमार को पहले उनके एक दोस्त ने भी सूचित किया था कि सविता उन्हें फोन कर पूछ रही थी कि वे अक्सर क्या बात करते रहते हैं।
– कुमार को एहसास हुआ कि कुछ सही नहीं चल रहा है और इसलिए उन्होंने सूचना का अधिकार (RTI) कानून का सहारा लिया।
– RTI के जवाब में पता चला कि उसका मोबाइल फोन सर्विलांस पर है और इसने उसे अपनी पत्नी पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया।
– न्यायिक दंडाधिकारी सुमित्रा कादियान ने राजेश की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए भोंडसी निवासी सविता कुमारी समेत उसके दो साथियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया।
पति का बयान
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि कैसे उनकी फोन रिकॉर्डिंग से बैंक को वित्तीय नुकसान हो सकता था, कुमार ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक मैनेजर के रूप में तैनात था और वर्तमान में शहर में एक मैनेजर के रूप में तैनात हूं, जहां दैनिक आधार पर बड़े मामलों के प्रबंधन से जुड़ा काम करता हूं। ऐसी नौकरी के लिए अत्यंत गोपनीयता की आवश्यकता होती है।
उसने कहा कि यदि नकद ट्रांसफर की मात्रा के बारे में जानकारी लीक हो जाती है, तो इससे राजकोष को अपूरणीय क्षति हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप जानमाल का नुकसान हो सकता है। पुलिस के अनुसार, अगस्त 2017 की शुरुआत में कुमार को उसके एक दोस्त का फोन आया, जिसमें बताया गया कि उसकी पत्नी ने उसे फोन की थी और पूछ रही थी कि वे अक्सर क्या बात करते रहते हैं।
पत्नी पर यह भी आरोप है कि उसने 6 अक्टूबर, 2017 को उस व्यक्ति के चचेरे भाई को फोन किया और उसे सलाह दी कि वह कुमार के साथ रानिला गांव की पंचायत में न जाए। यह वह समय है जब दोनों के बीच विवाद को निपटाने के लिए पंचायत बुलाई गई थी।
राजेश ने कहा कि मैं हैरान था कि मेरी पत्नी को कैसे पता चला कि मैंने अपने चचेरे भाई से अपने साथ पंचायत चलने का अनुरोध किया था। इसके बाद पति ने अपनी दूरसंचार कंपनी में एक RTI दायर कर अपने नंबर के बारे में डिटेल्स जानकारी मांगी।
बाद में मार्च 2018 में राजेश ने पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई और अपनी पत्नी के खिलाफ उसके फोन को ट्रैक करने के लिए कार्रवाई की मांग की। कुमार ने कहा कि एक जांच की गई, जिसमें मेरा बयान भी दर्ज किया गया। आरोपियों को मेरे फोन की अवैध रूप से निगरानी करने का दोषी पाया गया।
कोर्ट की टिप्पणी
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि ये तथ्य स्वयं स्पष्ट करते हैं कि सभी अभियुक्तों ने एक-दूसरे के साथ षडयंत्र करके और अपने पद का दुरुपयोग करके शिकायतकर्ता को चोट पहुंचाने के इरादे से कानून की अवहेलना की है। उस समय के तत्कालीन ACP (क्राइम) प्रीत पाल सांगवान ने बताया था कि बादशाहपुर थाने में धारा 166, धारा 167, धारा 409, धारा 420, धारा 467, धारा 468, धारा 471, धारा 500, धारा 120B, आईटी अधिनियम की धारा 66 और 82 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कई बार यह साबित हो गया है कि अगर कपल एक-दूसरे के साथ नहीं रह सकते हैं तो उनके लिए सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग होना सबसे अच्छा है। पति-पत्नी में से किसी एक पर इस तरह की अवैध जासूसी से आपराधिक गतिविधियां तेज हो सकती हैं जो अभियुक्तों को सलाखों के पीछे अपना जीवन बिताने के लिए मजबूर कर सकती हैं। इसलिए दूसरे को कोई ‘सबक’ सिखाने की कोशिश करने के बजाय अपने अहंकार को कुचलें और आगे बढ़ें।
Wife Booked For Forging Senior’s Signature & Illegally Spying On Husband’s Phone
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