झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) में मंगलम एन्क्लेव के ग्राउंड फ्लोर से दवा कारोबारी और मेडिसिन प्वाइंट के मालिक राकेश रंजन (Rakesh Ranjan) का शव बरामद होने के करीब 9 महीने बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया है। रांची पुलिस ने 20 मार्च 2022 को अपार्टमेंट से गिरकर हुए 50 वर्षीय राकेश रंजन की संदिग्ध मौत की गुत्थी 9 महीने बाद सुलझा ली है। पुलिस का दावा है कि राकेश रंजन ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जीवन बीमा यानी LIC की राशि डेढ़ करोड़ रुपए हड़पने के लिए उनकी पत्नी ने ही हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपी एवं राकेश रंजन की पत्नी 45 वर्षीय प्रीति रंजन (Preeti Ranjan) को अरगोड़ा थाना की पुलिस ने सोमवार को हवाई नगर से गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
घटना 20 मार्च 2022 को हुई थी। 20 मार्च 2022 को अरगोड़ा थाना के मंगलम अपार्टमेंट के तीसरी मंजिल से गिरने से राकेश रंजन की मौत हो गई थी। मामले की रिपोर्ट अरगोड़ा थाने में की गई थी। पुलिस ने शुरुआत में कहा था कि राकेश ने अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट से कूदकर आत्महत्या कर ली। हालांकि, पुलिस ने भले ही इसे आत्महत्या का मामला माना और मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन यह मामला तब सुर्खियों में आ गया, जबक रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी में गिरफ्तार राजीव सिंह द्वारा सीआईडी की पूछताछ में राकेश का नाम सामने आया था।
क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) की टीम ने राकेश रंजन को सरकारी गवाह बनाया था। राजीव सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसने राकेश रंजन से रेमडेसिविर का इंजेक्शन लिया था। CID की टीम ने जब पूरे मामले की जांच की तो कहानी कुछ और ही निकली। सभी इंजेक्शन डोरंडा के हीनू स्थित सृष्टि अस्पताल से आए थे। पूछताछ के दौरान CID को जानकारी मिली कि सृष्टि अस्पताल से जुड़े मनीष सिन्हा ने इंजेक्शन के पैसे नहीं लिए थे। परिचित और मिलनसार होने के कारण उसने यह इंजेक्शन राकेश रंजन को लगा दिया।
बेटे ने दर्ज कराई शिकायत
प्रीति रंजन के खिलाफ मृतक राकेश रंजन के 14 साल के नाबालिग बेटे रौनित रंजन ने 20 मार्च को अरगोड़ा थाने में हत्या की FIR दर्ज कराई थी। रौनित रंजन पटना में रहता है और प्रीति रंजन का सौतेला बेटा है। प्रीति पति के साथ पुंदाग रोड स्थित अपार्टमेंट में रहती थी।
शख्स को पहले से था हत्या का शक
पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो सबसे पहले उनके नाबालिग बेटे के मोबाइल से घटना वाले दिन की रिकार्डिंग मिली। इसमें राकेश रंजन ने मरने से कुछ ही देर पहले रात 2.22 में बेटे रौनित से बात की थी। उसने कहा था कि मुझे बचा लो…। पटना ले चलो, नहीं तो ये लोग मुझे मार देंगे।
राकेश रंजन ने प्रीति को नॉमिनी बनाया था। उसकी मौत के कुछ ही दिन बाद प्रीति ने क्लेम लेने के लिए प्रोसेस शुरू कर दी थी। जब जांच के लिए इंश्योरेंस अधिकारी पुलिस के पास पूछताछ के लिए पहुंचा तो और शक बढ़ गया। जांच में यह सामने आया कि प्रीति बीमा का पैसे हड़पना चाहती थी। इसलिए उसने अपार्टमेंट के तीसरे फ्लोर से अपने पति को नीचे फेंक दिया था।
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