पुलिस ने कहा है कि कुर्ला गैंगरेप मामले में 42 साल की एक महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे साबित हुए हैं। महिला ने आरोप लगाया था कि पिछले महीने तीन लोगों ने चाकू की नोक पर उस पर हमला किया। साथ ही सिगरेट के बटों से उसके निजी अंगों को भी जलाया।
क्या है मामला?
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने तीन संदिग्धों में से एक बबलू उर्फ मोहम्मद याकूब सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था और वह इस अपराध के लिए 40 दिनों से जेल में है जो उसने किया ही नहीं था। फ्री प्रेस जर्नल ने पहले जेजे और भाभा अस्पतालों द्वारा पीड़िता की दो मेडिकल रिपोर्ट के बारे में बताया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि ‘बलात्कार’ का आरोप झूठा है, जबकि चोटें ‘स्वयं द्वारा लगाई गई’ थीं।
पुलिस ने कथित अपराध स्थल से एकत्र किए गए विजुअल साक्ष्य भी भेजे थे। परिणाम पिछले सप्ताह की शुरुआत में आया था। कुर्ला पुलिस स्टेशन के सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिक रिपोर्ट भी आरोपों को साबित नहीं कर पाई है। सूत्रों ने कहा, “हम एक समरी रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में हैं, जिसे अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। इस रिपोर्ट में सभी जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट अटैच की जाएंगी।’
पुलिस ने कहा कि दो अन्य संदिग्धों ने सभी आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि उन सभी को पीड़िता द्वारा बदला लेने के लिए बनाया गया था। पुलिस का कहना है कि यह आपसी रंजिश ड्रग्स के ज्वाइंट कारोबार को लेकर शुरू हुई थी।
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