गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने हाल ही में कहा कि हाईकोर्ट के जजों की सैलरी और उनके भत्तों के बारे में जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत नहीं दी जा सकती, क्योंकि वे संवैधानिक पदों पर हैं। इसके साथ ही हाई कोर्ट RTI एक्ट के तहत गुजरात हाई कोर्ट के एक पूर्व एडिशनल जज की सैलरी और भत्तों की जानकारी देने के निर्देश वाले राज्य सूचना आयोग के आदेश को रद्द कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
लाइव लॉ के मुताबिक, चंद्रवदन ध्रुव ने 14.06.2016 को RTI एक्ट के तहत एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कुछ जानकारी मांगी गई थी। इसमें से एक गुजरात हाई कोर्ट के एक पूर्व एडिशनल जज की सैलरी और भत्तों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। सूचना अधिकारी ने पहली बार यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया था कि यह व्यक्तिगत जानकारी है जिसका किसी सार्वजनिक गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है। आयोग के आदेश को RTI आवेदक द्वारा दो बार चुनौती दी गई। दूसरी अपील में गुजरात सूचना आयोग ने जस्टिस को दी गई सैलरी और भत्तों पर मांगी गई जानकारी का खुलासा करने के पक्ष में फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट प्रशासन ने इस आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट प्रशासन के वकील तृषा पटेल ने तर्क दिया कि धारा 4(1)(b)(x) इसके प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी द्वारा प्राप्त मासिक पारिश्रमिक से संबंधित है। पटेल ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट के जजों की सैलरी और भत्तों को “अधिकारियों और कर्मचारियों में से एक के रूप में ब्रांडेड नहीं किया जा सकता है।” पटेल ने कहा, “जहां तक अधिकारियों और कर्मचारियों का संबंध है हाई कोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में एक सक्रिय घोषणा की जाती है।”
हाई कोर्ट का आदेश
जस्टिस बीरेन वैष्णव ने अपने फैसले में कहा कि एक जज उन अधिकारियों और कर्मचारियों की कैटेगरी में नहीं आएगा जो RTI एक्ट की धारा 4(1)(b)(x) के तहत अपने मासिक सैलरी का खुलासा करने के लिए उत्तरदायी हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि जाहिर तौर पर, हाईकोर्ट के एक जज की स्थिति एक संवैधानिक पद है जो आरटीआई एक्ट की धारा 4(1)(b)(x) के मापदंडों के अंतर्गत नहीं आती है, जो अधिकारियों और कर्मचारियों के मासिक सैलरी से संबंधित है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सूचना अधिकारी को हाईकोर्ट के पूर्व जज को दी जाने वाले सैलरी और भत्तों के संबंध में जानकारी देने का आदेश दिया गया था।
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