मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर (Gwalior city of Madhya Pradesh) में दो साल पुराने बहुचर्चित एक रेप केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की रिपोर्ट आने के बाद पीड़िता द्वारा लगाए आरोप झूठे साबित पाए गए हैं, जिसमें 15 साल की लड़की ने दो लोगों पर रेप और धमकाने का आरोप लगाया था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, CBI ने हाईकोर्ट में पेश की अपनी जांच रिपोर्ट में पीड़िता के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। जांच रिपोर्ट में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीड़िता पर जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाए हैं। साथ ही मौके से कलेक्ट सीमन का DNA पीड़िता के एक मुंहबोले भाई से मैच हुआ है। इससे यह माना जा रहा है कि घटना वाले दिन मुंहबोले भाई ने ही पीड़िता से संबंध बनाए थे।
क्या है पूरा मामला?
भास्कर के मुताबिक, 15 वर्षीय एक नाबालिग ने 31 जनवरी 2021 को CM हेल्पलाइन पर रेप की शिकायत की थी। ग्वालियर की मुरार पुलिस को पीड़िता ने दिए अपने बयान में आरोप लगाया था कि ग्वालियर शहर की सीपी कॉलोनी निवासी ठेकेदार गंगा सिंह भदौरिया के मकान में वह झाड़ू-पोंछे का काम करती थी। 20 दिसंबर 2020 से वह उसके यहां काम कर रही थी। वो उनके घर के ग्राउंड फ्लोर पर ही रहती थी।
लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 31 जनवरी 2021 की रात करीब 8 बजे गंगा सिंह का नाती आदित्य भदौरिया और उसके एक दोस्त ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। जब उसने दरवाजा खोला तो आदित्य और उसका दोस्त जबरन कमरे में आ गए। इसके बाद उन्होंने मेरे साथ गैंगरेप किया और धमकी देकर भाग गए। इसके बाद मुरार थाना पुलिस ने आदित्य पर धमकाने और उसके दोस्त पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था।
हाईकोर्ट में पीड़िता की ओर से दायर एक याचिका में दावा किया गया था कि केस वापस लेने के लिए पुलिस ने उसे पीटा था। यह सब आरोपी के ठेकेदार दादा गंगा सिंह भदौरिया के प्रभाव में हुआ था। इस बहुचर्चित रेप केस में लापरवाही बरतने पर हाईकोर्ट के आदेश पर ASP, CSP और दो TI को ग्वालियर से ट्रांसफर कर दिया गया था। जबकि एक SI पर FIR की तलवार तक लटक गई थी। इतना ही नहीं कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि पुलिस भरोसे लायक नहीं है, जिसके बाद इस मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी।
CBI जांच में सभी आरोप पाए गए फर्जी
CBI ने अपनी जांच रिपोर्ट में लड़की को धमकाने और रेप के आरोप को खारिज कर दिया है। कथित रेप पीड़िता के आरोपों की पुष्टि के लिए CBI ने CCTV फुटेज खंगाले थे। घटना 31 जनवरी 2021 की रात सवा 8 बजे के लगभग होना बताई गई थी। इस दौरान रामवीर शर्मा (मुंहबोला भाई) पीड़िता के रूम से बाहर निकलता हुआ दिखा। कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि घटना वाले दिन रामवीर और पीड़िता की 30 बार बातचीत हुई थी। इस पर CBI ने आरोपी आदित्य भदौरिया, उसके दोस्त के साथ पीड़िता के मुंहबोले भाई रामवीर शर्मा का भी DNA टेस्ट कराया। पीड़िता ने जिस रामवीर शर्मा को मुंहबोला भाई बताई थी, मौके से कलेक्ट सीमन उसी के DNA से मैच हुए हैं। इसी आधार पर माना जा रहा है कि पीड़िता ने रामवीर से ही संबंध बनाए थे।
इतना ही नहीं रेप पीड़िता को नाबालिग साबित करने के लिए जो डॉक्यूमेंट्स पेश किए गए थे, CBI ने उन्हें भी खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रेप के मामले में पीड़िता द्वारा खुद को नाबालिग बताया गया था। इसमें विशेष न्यायालय (एसटी/ एससी) ने पीड़िता की जन्मतिथि 7 मार्च 2002 मानी है। जबकि, FIR 31 जनवरी 2021 को दर्ज कराई गई, ऐसे में घटना दिनांक को पीड़िता नाबालिग नहीं थी। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि लड़की के आरोपों पर जिन लोगों को खिलाफ कार्रवाई हुई थी, उसकी भरपाई कैसे होगी?
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