इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के नाम से मशहूर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) के एक अपार्टमेंट में पिछले हफ्ते 30 वर्षीय फूड डिलीवरी एजेंट को गुस्साए लोगों ने तब बेरहमी से पीट दिया जब एक आठ साल की लड़की ने उसके खिलाफ झूठी शिकायत की थी कि एजेंट जबरन उसे छत पर ले गया था। बाद में जांच के दौरान नीलाद्रि रोड पर स्थित अपार्टमेंट के बगल में एक पेइंग-गेस्ट आवास के बाहर लगे CCTV कैमरे के फुटेज से पता चला कि लड़की अकेले छत पर जा रही थी और वह वहां खेल रही थी।
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 12 जून को सुबह करीब 9.40 बजे एक कपल ने अपनी आठ साल की बेटी को अपने सातवीं मंजिल के फ्लैट से गायब पाया, जब वे अपने पांच साल के बेटे को स्कूल जाते देख घर लौटे। मेन गेट बाहर से बंद होने से वे घबरा गए। जैसे ही कपल ने अपनी बेटी की तलाश शुरू की, उनके पड़ोसी भी उनके साथ आ गए। करीब 30 मिनट बाद पड़ोसियों ने बच्ची को छत पर देख लिया।
जब उसके माता-पिता ने उससे पूछा कि वह छत पर क्यों है, तो उसने जवाब दिया, “एक फूड डिलीवरी एजेंट ने दरवाजे की घंटी बजाई। जब मैंने दरवाजा खोला, तो वह मुझे छत पर खींच ले गया। मैंने खुद को छुड़ाने के लिए उसका हाथ काट लिया।” इसके बाद तुरंत मेन गेट पर तैनात सुरक्षा गार्डों को सतर्क कर दिया गया और कहा गया कि किसी भी डिलीवरी एजेंट को चाहे वह कैसे भी आया हो अपार्टमेंट से बाहर न जाने दें।
पुलिस ने कहा, “एक बार जब लड़की ने डिलीवरी एजेंट की पहचान कर ली (जो कथित तौर पर उसे जबरदस्ती छत पर ले गया था) तो गुस्साए कपल और अन्य निवासियों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी और उसे सुरक्षाकर्मियों के लिए बने कमरे में बंद कर दिया।” इस बीच, उसी अपार्टमेंट में डिलीवरी पहुंचाने आए कुछ अन्य डिलीवरी एजेंटों ने इस घटना के बारे में सुना और मेन गेट के पास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
अगले दिन पुलिस ने अपार्टमेंट का दौरा किया और सातवीं मंजिल से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए। पुलिस ने कहा, “दुर्भाग्य से छत की ओर जाने वाली सीढ़ियों को कवर करने के लिए कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया था।” इसके बाद पुलिस को अपार्टमेंट के बगल में महिला PG में एक CCTV कैमरा लगा हुआ मिला, जो छत की सीढ़ियों और बगल के अपार्टमेंट की छत को कवर करता था।
एक जांच अधिकारी ने कहा, “जब हमने फुटेज को स्कैन किया, तो हम लड़की को अकेले छत पर जाते और कुछ देर खेलते हुए देखकर चौंक गए। जब हमने उन्हें फुटेज दिखाया तो उसके माता-पिता भी चौंक गए।” पूछताछ में किशोरी ने झूठा दावा करने की बात कबूल कर ली। उसने कहा, “मुझे डर था कि मेरे माता-पिता पढ़ाई के दौरान खेलने के लिए मुझे पीटेंगे।” इसके बाद लड़की के माता-पिता ने डिलीवरी एजेंट से माफी मांगी।
पीड़ित का बयान
फूड डिलीवरी एजेंट ने कहा, “मेरी बेटी भी लगभग पांच साल की है और मैं आपके दर्द को समझ सकता हूं। मैं आप सभी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मुझे तब बहुत दुख हुआ जब लोगों ने यह कहने के बाद भी मुझे पीटा कि मैं निर्दोष हूं और लड़की झूठ बोल रही है।”
जब पुलिस ने उससे कहा कि वह शिकायत दर्ज कर सकता है, तो उसने कहा, “जल्द ही मैं अपनी पत्नी और बेटी के साथ अपने गृह राज्य असम में स्थायी रूप से वापस चला जाऊंगा। यहां शिकायत दर्ज करने का अर्थ है आगे की कानूनी औपचारिकताओं के लिए शहर का दौरा करना और अदालती कार्यवाही का सामना करना जो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
डिलीवरी एजेंट ने TOI को बताया कि उसे अभी भी कंधों में दर्द है। उसने कहा, “कपल के साथ आए सभी लोगों ने सुरक्षा गार्डों के साथ मिलकर मुझे पीटा। पता नहीं उसने झूठा दावा क्यों किया।” CCTV फुटेज ने मुझे बचा लिया। हालांकि, मेरी सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर CCTV कैमरा नहीं होता तो मेरा क्या होता?”
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