राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) की एक फैमिली कोर्ट में पिछले महीने एक महिला ने अपने पति द्वारा गुजारा भत्ता के रूप में लाए गए 55,000 रुपये के सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया था। पत्नी की ओर से अदालत में दायर एक आवेदन में कहा गया था कि 1,000 रुपये से अधिक के सिक्कों का लेनदेन अमान्य है। उसने अदालत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि सिक्के करेंसी नोटों में दिया जाए या गुजारा भत्ता देने के अदालत के आदेश का पालन करने में विफल रहने पर उसके अलग हो रहे पति को जेल भेजा जाए। इसके बाद कोर्ट ने 5 जुलाई को सुनवाई के दौरान पति को खुद बैंक में जाकर सिक्के जमा करवाने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 17 जून को पति दशरथ कुमावत की ओर से पत्नी के गुजारे भत्ते के लिए 55 हजार के सिक्के कोर्ट में पेश किए गए थे। पति ने 11 महीने से अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं दिया था। इसके बाद अदालत के आदेश पर उसने अपनी अलग रह रही पत्नी सीमा कुमावत के भरण-पोषण के लिए 55,000 रुपये के सिक्के कोर्ट में जमा किए थे। दशरथ की ओर से कहा गया था कि सिक्के वैध भारतीय करेंसी हैं और इसे स्वीकार किया जाए। इस पर कोर्ट ने सिक्कों को कस्टडी में लेकर 26 जून की तारीख तय की थी। इसके बाद महिला ने सिक्के को लेने से इनकार करते हुए कोर्ट में एक याचिका दायर की।
कुमावत के वकील रामप्रकाश कुमावत ने कहा, ”सिक्का अधिनियम, 2011 के अनुसार, सिक्कों का वजन और आकार वही होना चाहिए जब वे जारी किए गए हों। इसके अलावा, अगर पति दशरथ कुमावत को गुजारा भत्ता सिक्कों में देने की अनुमति दी जाती है तो यह ऐसे मामलों में एक खराब मिसाल कायम करेगा। अदालत ने उस दिन महिला के आवेदन पर कोई आदेश नहीं दिया और मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को तय कर दी।
12 से पहले हुई थी शादी
सड़क किनारे सामान बेचने वाले दशरथ की शादी करीब 12 साल पहले सीमा से हुई थी। कपल की एक बेटी है जो दशरथ के साथ रहती है। शादी के करीब तीन साल बाद कपल में विवाद होने लगा, जिसके बाद पति को तलाक लेना पड़ा। मामले की सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट ने पति को हर महीने पत्नी को भरण पोषण के 5 हजार रुपए देने के निर्देश दिए। पति पिछले 11 महीने से यह राशि पत्नी को नहीं दे रहा था। इसके बाद कोर्ट ने पति के खिलाफ वसूली वारंट जारी कर दिया। इसके बाद पुलिस ने पति को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया था। उसी दौरान पति 55 हजार के सिक्के लेकर कोर्ट में पहुंचा था।
फैमिली कोर्ट का आदेश
जयपुर के फैमिली कोर्ट ने 5 जुलाई को पति को खुद बैंक में जाकर सिक्के जमा करवाने के आदेश दिए हैं। दैनिक भास्कर के मुताबिक, फैमिली कोर्ट-1 ने पत्नी सीमा कुमावत की एप्लिकेशन पर आदेश देते हुए पति को कहा कि 55 हजार रुपए के ये सिक्के कोर्ट के बाबू की मौजूदगी में स्वयं जाकर बैंक में जमा करवाएं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पत्नी का अकाउंट नहीं होने के कारण ये सिक्के उसके पिता के अकाउंट में जमा करवाएं। पति दशरथ कुमावत ये सिक्के अपने बैंक अकाउंट में जमा करवाकर सीमा के पिता के अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकता है। दोनों ही सूरत में एक माह के अंदर इसकी रसीद कोर्ट में सब्मिट करनी होगी। इस बीच, पति दशरथ कुमावत के वकील रमन गुप्ता ने कहा कि हम फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
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