बच्चों के खिलाफ बढ़ती यौन हिंसा के बीच केरल सरकार (Kerala Government) ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO एक्ट) को स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ने का फैसला किया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने केरल हाई कोर्ट को बताया है कि यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम, 2012 (पॉक्सो अधिनियम) के बारे में जागरूकता को अगले शैक्षणिक वर्ष से स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
एक मामले की पिछली सुनवाई के दौरान केरल हाई कोर्ट ने यौन शोषण के रोकथाम के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में कंटेंट शामिल करने के उसके आदेश को लागू करने में देरी के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी़। जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने एक जमानत याचिका पर विचार करते हुए बच्चों, विशेषकर किशोरों के खिलाफ यौन अपराधों की बढ़ती दर पर ध्यान दिया। न्यायालय ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि स्कूल जाने वाले और किशोर छात्र अक्सर POCSO एक्ट के तहत गंभीर परिणामों से अनजान होकर एक-दूसरे के साथ सहमति से यौन संबंध बनाते हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि बच्चों को POCSO Act के तहत कानूनी प्रावधानों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अब सरकार ने शामिल करने का लिया फैसला
SCERT के वकील ने अनजाने में पॉक्सो अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध करने वाले किशोरों के खिलाफ दर्ज किए जा रहे मामलों के विशिष्ट मुद्दे का आकलन और सुधार करने के लिए अदालत के समक्ष एक मामले में प्रगति की व्याख्या करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने अदालत को बताया कि इस मुद्दे को उचित महत्व और संवेदनशीलता देते हुए विशेषज्ञों द्वारा पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी।
एक बयान में उन्होंने बताया, “SCERT की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया कि शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 से सकारात्मक रूप से कक्षा 1, 3, 5, 6, 8 और 9 के लिए पोक्सो के बारे में जागरूकता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। जबकि कक्षा 2, 4, 7 और 10 के लिए इसे शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 से लागू किया जाएगा।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि पाठ्यक्रम संशोधित होने के बाद शिक्षकों के लिए कार्यशालाएं आयोजित होंगी। केरल हाईकोर्ट ने स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच यौन अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न कदम उठाने में केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण, राज्य सरकार और SCERT द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
राज्य सरकार के वकील टीपी हुड ने बताया कि मई 2023 के दौरान POCSO जागरूकता कार्यक्रम के संबंध में टीचरों को ट्रेनिंग दिया गया। वकील ने प्रस्तुत किया कि लगभग 1,12,000 टीचरों ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर आयोजित ट्रेनिंग सेशन में भाग लिया।
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