• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

‘बच्चे के सर्वोत्तम हित का फैसला करने के लिए सिर्फ मां का प्यार एकमात्र मानदंड नहीं’, बॉम्बे HC ने पिता को दी 3 साल के बच्चे की कस्टडी

Team VFMI by Team VFMI
September 21, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Bombay High Court Comes To Aid Of Woman Stuck With Ex-Husband’s Name Wrongly Added To Child’s Birth Certificate

40
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में एक विवादास्पद कस्टडी मामले की सुनवाई करते हुए बच्चे के सर्वोत्तम हितों के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया है, जिसमें कहा गया है कि यह केवल प्राथमिक देखभालकर्ता, आमतौर पर मां के प्यार और देखभाल से निर्धारित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि बच्चे के सर्वोत्तम हित का फैसला करने के लिए सिर्फ मां का प्यार और देखभाल एकमात्र मानदंड नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

Lawtrend.in के मुताबिक, कोर्ट एक पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त टिप्पणी की। पिता ने अपने 3 साल के अमेरिका में जन्मे बच्चे की कस्टडी की मांग की थी। कपल ने मार्च 2010 में शादी की थी। बाद में वे स्थायी रूप से बसने के लिए अमेरिका चले गए। उन्होंने वहां एक ग्रीन कार्ड भी हासिल कर लिया, जिसने दिसंबर 2019 में पैदा हुए उनके बच्चे को अमेरिकी नागरिकता प्रदान की। विवाद तब पैदा हुआ जब प्रतिवादी की मां ने दिसंबर 2020 में बच्चे के साथ भारत की यात्रा की और याचिकाकर्ता के पिता से संपर्क करने से रोक दिया। इसके बाद, भारत और अमेरिका दोनों में कानूनी कार्रवाई शुरू की गई। महत्वपूर्ण रूप से एक अमेरिकी अदालत ने अप्रैल 2021 में पिता को बच्चे की अपरिवर्तनीय कस्टडी प्रदान की।

हाई कोर्ट की प्रमुख टिप्पणी

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की पीठ ने मामले का फैसला करते हुए ऐतिहासिक टिप्पणी की। अदालत ने इस बात पर जोर देते हुए 15 दिनों के भीतर बच्चे को पिता के पास लौटाने का आदेश दिया कि कस्टडी के फैसले में बच्चे के अधिकारों और उसकी भलाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बच्चे के सर्वोत्तम हित का फैसला करने के लिए सिर्फ एक पिता या मां का प्यार एकमात्र मानदंड नहीं होना चाहिए।

अदालत ने कहा कि ‘बच्चे का सर्वोत्तम हित’, जिसे हमेशा सर्वोपरि माना जाता है, बच्चे के मामले में केवल प्राथमिक देखभाल करने वाली यानी मां का प्यार और देखभाल ही नहीं रह सकती। बच्चे के संबंध में लिए गए किसी भी निर्णय का आधार उसके बुनियादी अधिकारों और जरूरतों, पहचान, सामाजिक कल्याण और शारीरिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास की पूर्ति सुनिश्चित करना है। अदालत ने कहा कि बच्चे के कल्याण का निर्णय लेते समय, केवल एक पति या पत्नी के विचार को ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि भारत में मां की हरकतें संयुक्त राज्य अमेरिका से लौटें बच्चे की देखभाल में बाधा डालने का प्रयास प्रतीत होती हैं। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे विवादों का बच्चों पर कितना हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही अदालत ने पिता को 3 साल के बच्चे की कस्टडी सौंपने का आदेश दिया।

READ JUDGMENT | Best Interest Of Child Cannot Be Solely Based On Mother’s Love & Care: Bombay HC Grants Custody To Father

वौइस् फॉर मेंस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
https://hindi.voiceformenindia.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India