बॉलीवुड फिल्मों को कई हिट गाने दे चुके मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर अदनान सामी (Adnan Sami) इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल, उनकी की पहली पत्नी जेबा बख्तियार (Zeba Bhaktiar) ने शादी और बच्चे की कस्टडी के लड़ाई के बारे में पहली बार खुलकर बात की है। एक इंटरव्यू में जेबा ने अदनान सामी संग शादी के बारे में खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब वह अपने बेटे अजान सामी की कस्टडी हासिल करने की कोशिश कर रही थीं तो वह समय उनके लिए कितना बुरा था। उन्होंने कहा कि 18 महीने तक बेटे अजान की कस्टडी के लिए लड़ाई लड़ी। इस दौरान जेबा ने अपने मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में भी बात की।
क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तानी एक्ट्रेस जेबा बख्तियार और सिंगर अदनान सामी को अलग हुए करीब 27 साल हो चुके हैं। दोनों ने 1993 में शादी की, जिससे उन्हें एक बेटा अजान हुआ, लेकिन 3 साल बाद 1996 में दोनों ने तलाक ले लिया। सालों बाद अब जेबा बख्तियार ने अपने पूर्व पति अदनान सामी और उनसे तलाक लेने के बीच के संघर्ष पर खुलकर बात की है। पाकिस्तानी सिंगर अदनान सामी को 2016 में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी। साल 1988 में पाकिस्तानी टीवी शो ‘अनारकली’ से अपनी पहचान बना चुकीं जेबा बख्तियार ने 1991 में बॉलीवुड ‘हिना’ में काम किया था। इसे रणधीर कपूर ने डायरेक्ट किया था। इससे वो काफी मशहूर हुईं।
जेबा ने क्या-क्या कहा?
जेबा ने बताया है कि उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी और पूरी तरह से परिवार की सेवा में जुट गईं। उन्होंने कहा कि जब मेरी अदनान से शादी हुई, मैं कुछ फिल्में खत्म कर रही थी। उस वक्त मैं एक्टिंग करियर को आगे बढ़ाने में दिलचस्प नहीं थी। मैं लिखना चाहती थी या शायद प्रोड्यूस करना चाहती थी। जेबा ने कहा कि मैं एक्टिंग में शामिल नहीं थी। तब मैंने अदनान से शादी की और अजान का जन्म हुआ। मैं पूर तरह से उसमें व्यस्त हो गई थी। लेकिन हमारी शादी ज्यादा चली नहीं। मैंने प्रोडक्शन और दूसरे प्रोजेक्ट्स करने शुरू किए।
18 महीने बेटे की कस्टडी के लिए लड़ी
जेबा ने 18 महीने बेटे की कस्टडी के लिए लड़ाई लड़ी, जिसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ा। वह बताती हैं, ‘मैं एकदम पागल हो गई थी। मैं काम कर रही थी, क्योंकि उससे मुकाबला करने की हिम्मत आती है। लेकिन मैं पूरी तरह से वहां नहीं थी।’ बातचीत के दौरान, उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके बेटे अजान सामी की कस्टडी की लड़ाई ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला।
जेबा ने बेटे की कस्टडी की लड़ाई के दौरान मजबूत बने रहने पर कहा, ‘मेरा दिमाग पूरी तरह से खराब हो चुका था। मैं फंक्शन कर रही थी, लेकिन मैं मेंटली कहीं और रहती थी। बार-बार कोर्ट के चक्कर काटना बहुत मुश्किल था, लेकिन आजमाइश किसकी जिंदगी में नहीं होती। ये लड़ाई 18 महीनों तक चली और मैं ट्रॉमा में रही। जब मुझे कस्टडी मिल गई तो कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि तुम्हें अब काम करना चाहिए। करीब 6-8 महीनों के बाद जब अजान मेरे पास आया, तो मैंने उसे स्कूल भेजना शुरू किया और काम पर लग गई।’
जेबा ने कहा कि मुझे बहुत बड़े-बड़े धक्के लगे, जिनके बारे में मुझे याद भी नहीं है। लेकिन मैं आभारी हूं कि मुझे अजान वापस मिल गया। कस्टडी की इस लड़ाई को 18 महीने हो गए थे। उन्होंने आगे बताया, ‘मैं उस दौरान काम नहीं कर रही थी, लेकिन मेरे कुछ दोस्तों ने मुझसे कहा कि मैं अपने लिए काम करूं। एक दोस्त था जो इंग्लैंड में एक सीरियल कर रहा था, मैं उसी शो में शामिल हो गई। मैं इसकी शूटिंग के लिए कुछ महीनों के लिए लंदन भी गई थी।’
आपको बता दें कि वॉयस फॉर मेन इंडिया (Voice For Men India) शेयर्ड पेरेंटिंग के पक्ष है। क्योंकि 18 महीने तक अपने बच्चे से दूर जोबा जिस दौर से गुजरीं, तमाम भारतीय पिता कई सालों से उसी दौर से गुजर रहे हैं। यहां तक कि कई पिता अपने बच्चों को एक बार भी देखे बिना रहने को मजबूर हैं।
पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।
इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।
हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.