Delhi Rape Case: एक नाबालिग से महीनों तक बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दिल्ली सरकार के एक निलंबित अधिकारी का मंगलवार को पोटेंसी टेस्ट कराया गया। यौन उत्पीड़न या बलात्कार के आपराधिक मामले में पोटेंसी टेस्ट किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी यौन कृत्यों में शामिल होने में सक्षम है या नहीं। आरोपी की पहचान प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी सीमा रानी के रूप में हुई, जिसे मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया। कपल को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
प्रेमोदय खाखा और सीमा रानी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने दावा किया कि खाखा के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं, क्योंकि उन्होंने नसबंदी कराई थी। वकील ने दावा किया कि प्रेमोदय खाखा ने 20 साल पहले नसबंदी कराई थी इसलिए नाबालिग लड़की के गर्भवती होने की कोई संभावना नहीं थी। इस बीच नाबालिग ने पुलिस को बताया कि आरोपी अधिकारी उसे चर्च में भी परेशान करता था। दिल्ली सरकार का निलंबित अधिकारी कथित तौर पर उसी चर्च में उप सचिव के पद पर था।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर और उसकी पत्नी को एक किशोरी के साथ बलात्कार के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया। DCP (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि पुलिस ने घटना के सिलसिले में नौकरशाह और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। कलसी ने कहा कि आरोपियों की पहचान बुराड़ी इलाके में स्थित शक्ति एनक्लेव में रहने वाले प्रेमोदय खाखा (51) और उसकी पत्नी सीमा रानी (50) के रूप में हुई है। मामला 13 अगस्त को दर्ज किया गया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व में कहा था कि खाखा पर नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच एक किशोरी के साथ कई बार बलात्कार करने का आरोप है। खाखा की पत्नी ने किशोरी को अपना गर्भ गिराने के लिए कथित तौर पर दवा दी थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश के बाद प्रेमोदय खाखा को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। पीड़ित लड़की 1 अक्टूबर, 2020 को अपने पिता के निधन के बाद से आरोपी और उसके परिवार के साथ रह रही थी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में पता चला है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर आरोपी अधिकारी ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कई बार लड़की से कथित रूप से बलात्कार किया। उन्होंने बताया कि अधिकारी की पत्नी पर भी पीड़ित को गर्भपात के लिए दवाएं देने का आरोप लगाया गया है। अपने अधिकारी के खिलाफ आरोप पर दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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