मध्य प्रदेश के ग्वालियर की एक स्थानीय अदालत (Gwalior Court) ने एक महिला पर अपनी भाभी (पति के भाई की पत्नी) के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का झूठा मामला दर्ज करने पर जुर्माना लगाया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन मनीष कुमार पारीक ने शिकायतकर्ता को दोनों पक्षों को सुनने के बाद जुर्माने का भुगतान करने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
ग्वालियर के न्यू मोहन नगर निवासी नेहा शर्मा ने 13 अगस्त 2014 को मुरैना में अपनी 30 वर्षीय भाभी सपना शर्मा पर प्रेग्नेंसी के दौरान मारपीट करने का आरोप लगाते हुए क्रूरता और दहेज प्रताड़ना की FIR दर्ज कराई थी।
FIR दर्ज होने के बाद सपना ने अग्रिम जमानत पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया और बाद में प्रतिवादी नेहा शर्मा के खिलाफ उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए जिला अदालत में मामला दायर किया।
केस का बैकग्राउंड
नेहा ने फरवरी 2010 में सपना के बहनोई से शादी की। जबकि सपना ने दिसंबर 2013 में गजानन शर्मा से शादी की। नेहा दिसंबर 2012 में एक बेटे को जन्म देने से नौ महीने पहले मार्च 2012 में गर्भवती थीं। इस समय तक, सपना विवाहित नहीं था और अपने ससुराल का भी हिस्सा नहीं था।
अदालत ने कहा कि जब सपना दिसंबर 2013 तक अपने ससुराल में नहीं रह रही थी, तो वह अपनी भाभी नेहा को कैसे परेशान कर सकती थी या एक स्विफ्ट कार की मांग कर सकती थी? अदालत ने टिप्पणी की कि नेहा ने कथित दहेज उत्पीड़न मामले में अनुचित लाभ पाने के लिए सपना को झूठा फंसाया था। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई के बाद जज पारीक ने प्रतिवादी नेहा शर्मा पर 1.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
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