महिला सशक्तिकरण को सलाम! आंध्र प्रदेश से सामने आई एक हैरान करने वाली घटना में एक 26 वर्षीय महिला ने अपने पति, उसके परिवार के सदस्यों सहित चार नाबालिग बच्चों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई है। यह मामला अक्टूबर 2019 का है।
क्या है पूरा मामला?
– पोन्नेकांति बिंदू (पत्नी) की शादी अदाराना कुमार (पति) से 29 नवंबर, 2018 को हुई थी।
– शादी के एक साल से भी कम समय में बिंदू ने अपने पति और उसके परिवार के सदस्यों सहित चार बहनों और उनके पतियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करा दिया।
– हैरान करने वाली बात यह है कि महिला ने परिवार के नाबालिग बच्चों को भी नहीं बख्शा है और चार नाबालिग बच्चों पर भी दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
– बच्चों की उम्र की बात करें तो दो 11 साल के लड़के, एक 9 साल की लड़की और एक 6 साल की लड़की है।
– अपनी शिकायत में बिंदु ने आरोप लगाया कि शादी के समय उसके माता-पिता ने 6 ग्राम सोना और फर्नीचर के लिए 44,663 रुपये का दहेज दिया था।
– उसने आरोप लगाया कि उसकी चार ननदों ने शादी के 25वें दिन से ही उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।
– उसने पहली तीन बहनों के पतियों पर गाली-गलौज करने का भी आरोप लगाया है।
– उसकी शिकायत के अनुसार, उसने बच्चों (जो किशोर भी नहीं हैं) पर भी उसे परेशान करने का आरोप लगाया है।
– उसने शिकायत की है कि उसका मोबाइल फोन छीन लिया गया था और उसे अपने माता-पिता से बात करने की अनुमति नहीं थी।
– उसने यह भी कहा कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता था, जिससे उसकी जान को खतरा था।
– महिला पुलिस स्टेशन में पुलिस बिना किसी जांच के तुरंत हरकत में आ आई और केवल बिंदू के कहने पर 26 सितंबर 2019 को FIR दर्ज कर लिया।
– तब अदाराना ने FIR को चुनौती देते हुए आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया और कहा कि उनकी पत्नी ने परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कोई प्रथम दृष्टया या भौतिक साक्ष्य पेश नहीं किया।
– पति ने विशेष रूप से नाबालिग बच्चों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की धारा के तहत मामला दर्ज करने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं करने की पुलिस को भी चुनौती दी है।
– परिवार ने इस मामले में पुलिस के खिलाफ विभागीय और आपराधिक कार्रवाई की मांग की है।
– हाईकोर्ट में अभी इस मामले की सुनवाई बाकी है।
MDO टेक
– भारत में दहेज प्रताड़ना कानून कितना दोषपूर्ण है?
– पत्नियां एक आपराधिक कानून हथियार से लैस हैं जो पति और उसके परिवार को रातों-रात सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है, भले ही वे मामूली कहासुनी का ही मामला हो।
– पति और ससुराल वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए महिला की बात अंतिम है।
– अक्सर महिलाएं शुक्रवार की शाम को मुकदमा दायर करती हैं, ताकि पति और उसका परिवार वीकेंड में सलाखों के पीछे हो, जब तक कि सोमवार को अदालतें फिर से न खुल जाएं।
– कई परिवार रातोंरात तबाह हो गए हैं, जहां गिरफ्तारी के समय पति के कई पिताओं को दिल का दौरा पड़ा है।
– हमारी महिला-केंद्रित और पक्षपातपूर्ण व्यवस्था हमारे सिर को शर्म से झुका देती है, जहां कानून नाबालिग बच्चों पर एक परिपक्व विवाहित महिला का पक्ष लेता है, जो मुश्किल से “घरेलू उत्पीड़न” का अर्थ समझती है।
– हम वास्तव में आशा करते हैं कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा और सभी बच्चों के नाम पुलिस रजिस्टर के आपराधिक रिकॉर्ड से तुरंत हटा दिए जाएंगे।
ARTICLE IN ENGLISH:
Four Minor Children Including 6-Year-Old Girl Booked In Dowry Harassment Case By Mahila Police
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