देश के आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव लाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure- CrPC) और इंडियन एविडेंस एक्ट (Indian Evidence Act) में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके मद्देनजर सभी स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे गए हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा (Ajay Kumar Mishra) ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में व्यापक संशोधनों के संबंध में राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों एवं प्रशासकों, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, विभिन्न हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और विभिन्न राज्यों की बार काउंसिल, विभिन्न लॉ यूनिवर्सिटी एवं संस्थानों और सांसदों से भी सुझाव मांगे हैं।
मिश्रा ने कहा कि गृह मंत्रालय से जुड़ी स्थायी संसदीय समिति ने अपनी 146वीं रिपोर्ट में यह सिफारिश की थी कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली की व्यापक समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 111वीं और 128वीं रिपोर्ट में भी संबंधित अधिनियम में टुकड़ों में संशोधन करने की बजाय संसद में एक व्यापक कानून लाकर देश के आपराधिक कानून में सुधार करने और इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
उन्होंने कहा कि सभी को कम खर्च पर और त्वरित न्याय प्रदान करने तथा जन-केंद्रित विधिक ढांचे का निर्माण करने के लिए देश के आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव करने के मद्देनजर सरकार ने सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके आपराधिक कानूनों मसलन, भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 में व्यापक संशोधनों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपराधिक कानूनों में सुधार के लिए सुझाव देने वास्ते दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार समिति की सिफारिशों और सभी स्टेकहोल्डर्स से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
MDO टेक
– क्या भारत सरकार कठोर और सर्वाधिक दुरूपयोग वाले कानून धारा 498A IPC में कोई संशोधन करेगी?
– क्या भारत सरकार CrPC की धारा 125 में संशोधन करेगी जो विवाहित महिला को बिना तलाक के पति से आजीवन भरण-पोषण प्राप्त करने की अनुमति देती है (भले ही उसकी शादी को एक दिन ही हुआ हो)?
– क्या भारत सरकार वैवाहिक कानूनों में कई खामियों पर विचार करेगी जो महिलाओं को पुरुषों को फंसाने के लिए मामलों को अंतहीन रूप से खींचने की अनुमति देती हैं?
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ARTICLE IN ENGLISH:
Government Of India Begins Process To Amend IPC, CrPC & Indian Evidence Act
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