Russia-Ukraine War: रूसी-यूक्रेनी युद्ध की वजह से हमारे कई भारतीय छात्र यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंस गए हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए भारत सरकार द्वारा ‘आपरेशन गंगा’ तेजी से चलाया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने गुरुवार को बताया कि हमारी पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद से अब तक कुल 18 हजार भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन छोड़ दिया है।
उन्होंने बताया कि आपरेशन गंगा के तहत 30 उड़ानें अब तक यूक्रेन से 6,400 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचीं हैं। अगले 24 घंटों में 18 और फ्लाइट शेड्यूल हैं। इस बीच, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और पूर्वी यूक्रेनी शहर खारकीव की स्थिति पर चर्चा की, जहां एक हजार से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। खारकीव एक तरह से रूसी नियंत्रण में है और छात्राओं को पहले ही रूस की मदद से यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर ट्रेन से भेजा जा चुका है।
इसके साथ ही लड़कों को भी निकालने का प्रयास किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन ने बातचीत के दौरान यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, विशेष रूप से खारकीव शहर को लेकर जहां कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। बयान में कहा गया है कि उन्होंने संघर्ष क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की।
एक अन्य ट्विटर यूजर्स द्वारा शेयर किए गए लाइव अपडेट के मुताबिक उनकी बहन सहित खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के लगभग 400 छात्र करीब एक सप्ताह से एक बंकर में फंसे हुए थे। ट्विटर यूजर, जो एक पत्रकार भी हैं, ने व्यक्त किया कि कैसे हमारे लड़कों ने लड़कियों को पहले भेजना सुनिश्चित किया और खुद के लिए अगली ट्रेन का इंतजार किया।
बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ मतदान से भी परहेज किया है, जहां एक प्रस्ताव में यूक्रेन में सैन्य अभियानों को रोकने की मांग करते हुए 141 मतों के पक्ष में पारित किया गया था। भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। रूस के विरोध में 141 मत पड़े, जबकि 35 देश गैरहाजिर रहे जबकि पांच ने प्रस्ताव के विरोध में यानी रूस के समर्थन में मतदान किया।
एक बयान में संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत ने विकसित स्थिति की समग्रता को देखते हुए मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। त्रिमूर्ति ने एक बयान में कहा कि पूरी स्थिति की समीक्षा के बाद भारत ने मतदान में हिस्सा ना लेने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि हम अपने छात्रों समेत सभी भारतीय छात्रों की यूक्रेन से, खासतौर पर खारकीव और युद्धरत अन्य इलाकों से सुरक्षित निकासी की मांग करते हैं। यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को युद्ध शुरू हुआ था। इसके बाद रूस लगातार यूक्रेन के बड़े शहरों को कब्जा करने के लिए निशाना बना रहा है।
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ARTICLE IN ENGLISH:
Indian Girl Students Get Safe Passage From Kharkiv After PM Modi Speaks To Putin
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