मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur of Madhya Pradesh) से एक और पति के खुदकुशी (Husband Suicide) का मामला सामने आया है। जबलपुर में मढ़ई के रहने वाले 40 वर्षीय धर्मेंद्र नाम के एक शख्स ने ट्रेन के सामने आकर खुदकुशी कर लिया था। आत्महत्या से पहले रविवार दोपहर आखिरी बार उसने बड़े भाई जय केवट को फोन किया था। जय ने दैनिक भास्कर को बताया कि धर्मेंद्र अपनी पत्नी के मायके जाने से परेशान था। वह डिप्रेशन में आ गया था। पत्नी मायके में ही रह रही थी। काफी गुजारिश के भी वह ससुराल आने को तैयार नहीं थी। धर्मेंद्र की मौत के बाद परिवार सदमे में है।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 में धर्मेंद्र की शादी रामपुर की रहने वाली रिंकू से तय हुई थी। रिश्ता धर्मेंद्र के पिता ने तय किया था। कुछ दिनों बाद धर्मेंद्र के पिता का निधन हो गया। उनकी आखिरी इच्छा थी कि जहां मैंने शादी तय की है, धर्मेंद्र वहीं शादी करें। शादी के कुछ साल बाद तक रिंकू ससुराल में रही। 2015-16 में धर्मेंद्र काम के सिलसिले में हैदराबाद चला गया, जहां वह एक प्राइवेट फैक्ट्री में काम करने लगा। करीब 7 से 8 महीने में गांव आया-जाया करता था। 2019 में बेटे की पढ़ाई का हवाला देकर पत्नी मायके रामपुर जाकर रहने लगी। ससुराल वाले कई मर्तबा उसे साथ लेने भी गए, पर वह आने को तैयार नहीं हुई।
2020 में देशव्यापी कोरोना लॉकडाउन लगा, तो धर्मेंद्र हैदराबाद से जैसे-तैसे कभी पैदल, तो कभी ट्रक से जबलपुर पहुंचा। जैसे ही, धर्मेंद्र तिलवारा पहुंचा, तो उसने पत्नी को फोन भी किया। उसने कह दिया कि यहां आने की जरूरत नहीं है, अपने घर जाओ। यह बात सुनते ही धर्मेंद्र सन्न रह गया। फिर वह निराश होकर अपने घर आ गया। धर्मेंद्र 20 दिन तक सबसे अलग रहा। इसके बाद उसने दोबारा पत्नी से मिलने की कोशिश की, लेकिन वह उससे बात करने को तैयार नहीं थी।
डिप्रेशन में आकर की आत्महत्या
धर्मेंद्र के बड़े भाई जय ने भास्कर को बताया कि वह पत्नी के घर पर नहीं आने के कारण डिप्रेशन में था। हम उसकी दूसरी शादी करना चाहते थे, इससे वह परेशान हो गया था। यही नहीं, डिप्रेशन में आने के कारण उसने घर में रहना तक छोड़ दिया था। जिस प्राइवेट कंपनी में वह काम करता था, अब वहीं रहने लगा था। धर्मेंद्र ने कई मर्तबा अपनी पत्नी रिंकू से बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने इनकार कर दिया। जब कभी उसने रामपुर स्थित ससुराल जाकर 10 साल के बेटे से मिलने की कोशिश की, तो रिंकू के घरवालों ने वो भी नहीं होने दिया।
ट्रेन के सामने कूदकर की खुदकुशी
आत्महत्या करने से पहले धर्मेंद्र रविवार दोपहर को वह घर मिलने आया था। इस दौरान वह काफी गुमसुम था। धर्मेंद्र की भाभी ने खाने के लिए भी पूछा था, लेकिन वह थोड़ी देर में आने का कहकर चला गया। जय ने बताया कि मैंने भी उसे खाने के लिए बोला था, लेकिन उसने वही जवाब दिया। इसके बाद वह स्कूटी लेकर चला गया। फिर वह खुदकुशी करने तीन पुलिया की रेलवे ट्रैक पर आ गया।
धर्मेंद्र ने रेलवे ट्रैक से अपने भतीजे अभिषेक को फोन किया और कहा कि मैं ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर रहा हूं। इतना सुनते ही अभिषेक डर गया और उसने फोन अपने पिता जय केवट को दे दिया। बड़े भाई ने धर्मेंद्र को काफी समझाया, लेकिन वह नहीं माना और सिर्फ इतना कहा कि भैया ट्रेन आ रही है…यह धर्मेंद्र की आखिरी चीख थी। उसके बाद उसकी आवाज हमेशा-हमेशा के लिए शांत हो गई।
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