• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी पुरुषों के लिए आवाज

GOOD NEWS: कोर्ट ने 6 साल के बेटे को फिर पिता के साथ रहने की दी इजाजत, पहले नाबालिग बेटे की मर्जी के खिलाफ मां को दी थी कस्टडी

Team VFMI by Team VFMI
July 4, 2022
in पुरुषों के लिए आवाज, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Jhunjhunu Child Custody Case: Preet Pancharangiya

38
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

Jhunjhunu Child Custody Case: पिछले हफ्ते राजस्थान की एक अदालत में एक पिता और बेटे के लगे लगकर रोने वाला बेहद भावुक और दिल को छू लेने वाला वीडियो खूब वायरल हुआ था। कोर्ट द्वारा नाबालिग बेटे की मर्जी के खिलाफ बच्चे की कस्टडी उसकी मां को सौंप दी गई। कोर्ट के इस फैसले ने पिता-पुत्र को अलग कर दिया था। इसके बाद पिता सदमे में बेहोश हो गया था।

वीडियो वायरल होने के बाद पिता की अब एडीजे कोर्ट में जीत हुई है। बेटे को पिता को सौंपने के आदेश दिए गए हैं। बेटे को उसकी इच्छा के खिलाफ चिड़ावा SDM कोर्ट ने मां के साथ भेज दिया था। इस फैसले के खिलाफ पिता ने अपने बेटे को पाने के लिए दोबारा एडीजे कोर्ट में अपील की थी।

क्या है पूरा मामला?

झज्जर (हरियाणा) के खपरवास निवासी प्रीत पचरंगिया (39) की शादी जनवरी 2015 में बेरला सूरजगढ़ (झुंझुनू) निवासी सुमन (28) से हुई थी। इस कपल को जुलाई 2016 में एक बेटा हुआ, जिसका नाम उन्होंने जतिन रखा। प्रीत सेना में था, जबकि सुमन हाउसवाइफ थी। जतिन अपने दादा सुल्तान सिंह की छाव में बड़ा हुआ, जब उसकी मां गांव में रह रही थीं। हालांकि, 2018 में हालात ने एक अलग मोड़ ले लिया, जब प्रीत और सुमन के बीच वैवाहिक विवाद शुरू हो गया।

पंचायत तक पहुंचा मामला

दंपति के मामले में हस्तक्षेप करते हुए स्थानीय पंचायत ने समझौता कराया, जहां दोनों एक बार फिर साथ रहने के लिए सहमत हो गए। 2019 में दंपति की एक बेटी हुई, जिसका नाम उन्होंने जिया रखा। हालांकि, यहां से हालात और खराब हो गए। फरवरी 2022 में सुमन ने सूरजगढ़ थाने में प्रीत और उसके परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करा दी। इसके बाद सुमन जिया को अपने साथ लेकर अपने पैतृक घ चली ग, जबकि अपने 6 साल के बेटे जतिन को अपने पिता के साथ रहने के लिए छोड़ गई।

कोर्ट पहुंचा मामला

दहेज का मामला जब SDM कोर्ट पहुंचा तो सुमन ने जतिन की कस्टडी के लिए याचिका दायर कर दी। पिछले दिनों झुंझुनू के छिदवाड़ा में एसडीएम कोर्ट ने बच्चे के रोने और कोर्ट को यह बताने के बावजूद कि वह अपने पिता के साथ कैसे रहना चाहता है, बेटे की कस्टडी सुमन को सौंप दी। फैसले के बाद जतिन ने अपने पिता को गले लगाकर रोने लगा। उसने कहा कि मुझे मेरे पिता से अलग मत करो, मैं उनके साथ रहना चाहता हूं। हालांकि, कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने पिता-पुत्र को अलग कर दिया, जिसके बाद प्रीत कुछ देर के लिए बेहोश हो गया था।

पिता और पुत्र के बीच संबंध

प्रीत गलवान घाटी में गार्ड आर्मी की बटालियन 18 में तैनात था। हालांकि, पत्नी द्वारा वैवाहिक विवाद और दहेज मामले के बाद उन्होंने अपने बेटे की देखभाल के लिए अप्रैल 2022 में VRS ले लिया। बच्चा हमेशा अपने पिता और दादा के करीब रहता था। स्वतंत्र पत्रकार दीपिका भारद्वाज के साथ अपने विस्तृत इंटरव्यू में पिता ने कहा कि मैंने अकेले ही अपने बेटे की देखभाल की है। वह यहां हमारे साथ था, जबकि उसकी मां ने सालों से उसे देखने की जहमत नहीं उठाई थी। अब, अचानक वह दो साल बाद लौटी और मेरे बच्चे को लेकर चली गई। मेरा बेटा मेरे बिना खाना भी नहीं खाता। कृपया मुझे मेरे बच्चे से अलग न करें। मैं आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूं।

पिता के पक्ष में आया फैसला

इस फैसले के खिलाफ पिता ने अपने बेटे को पाने के लिए एडीजे कोर्ट में अपील की थी। प्रीत के वकील राजेश दल्ला ने तब समीक्षा के लिए याचिका दायर किया और बेटे की कस्टडी की मांग करते हुए एडीजे अदालत में अपील की है। मामले की सुनवाई शनिवार को झुंझुनू स्थित एडीजे कोर्ट में हुई, जहां एडीजे आशुतोष कुमावत ने पिता प्रीत सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने बच्चे के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए आदेश दिया कि बेटे को तत्काल प्रभाव से पिता को सौंप दिया जाए। बेटे की कस्टडी मिलते ही पिता की आंखों से एक फिर खुशी के आंसू झलक उठे।

पुरुषों अधिकार कार्यकर्ताओं ने किया हस्तक्षेप

पुरुष आयोग या पारिवारिक मामलों के लिए किसी अन्य तटस्थ प्लेटफॉर्म नहीं होने की वजह से यह मामला पुरुषों के अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा उठाया गया, जिन्होंने न्याय पाने के लिए पिता की सहायता की। ‘वॉयस फॉर मेन इंडिया’ के साथ बात करते हुए दीपिका भारद्वाज ने कहा कि मुझे घटना के बारे में दैनिक भास्कर की रिपोर्ट से पता चला। प्रीत सिंह के बेटे जतिन से बिछड़ते हुए और दोनों के रोने का वीडियो देखकर मेरा दिल रो पड़ा। मैंने तुरंत वकील की तलाश की और फिर प्रीत जी से संपर्क किया। फोन पर बात करने पर वह रो पड़े। मैंने उनसे कहा कि मैं आपको बच्चे को वापस पाने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा।

प्रीत सिंह ने अपने बेटे से बात नहीं की थी, क्योंकि मां ने अनुमति नहीं दी थी। उसने निवेदन किया कि वह सिर्फ अपने बेटे को देखना चाहता है। उस रात, मैंने अपने सहयोगी केडी झा को साथ आने के लिए कहा और हम सुबह झुंझुनू के लिए निकल गए। हम CWC टीम, कलेक्टर झुंझुनू से मिले, जो पिता और पुत्र की बैठक की अनुमति देने के लिए SP को फोन करने के लिए तैयार थे। हम सब फिर बेरला गांव के लिए निकल पड़े, जहां प्रीत जी को आखिरकार जतिन से मिलने का मौका मिला।

उस कम समय में लड़के को स्पष्ट रूप से पढ़ाया जा चुका था। जब मैंने बच्चे से पूछा कि क्या उसने SDM से कहा कि वह अपने पिता के साथ रहना चाहता है, तो मां ने आकर मेरा फोन छीन लिया। ऐसे मामलों में क्या झूठ है और क्या सच है, यह तय करना कठिन है, लेकिन कार्रवाई बहुत कुछ बोलती है।हम समझ सकते हैं कि सिंह को दूसरे पक्ष द्वारा बच्चे का इस्तेमाल करके परेशान किया जा रहा था।

प्रीत सिंह के वकील राजेश दल्ला ने एसडीएम के आदेश के खिलाफ अपील की थी। मैंने सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों में उनकी मदद की, जिनमें इस तरह के आदेशों को अवैध बताया गया है और पूरे समय उनके संपर्क में था। अंत में एडीजे ने आदेश पलट दिया और जतिन को उसके पिता को सौंप दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत जीत की तरह लग रहा है, क्योंकि मैंने प्रीत सिंह की आंखों में दर्द देखा। वह एक दयालु पिता हैं और अपने बेटे की असाधारण देखभाल कर रहे हैं, जिससे वह अपने साधनों से परे स्कूली शिक्षा दे रहा है।

मुझे वास्तव में खुशी है कि जज ने मामले के तथ्यों को देखा। हालांकि, मुझे आश्चर्य है कि SDM के खिलाफ सही कार्रवाई क्या होनी चाहिए, जिन्होंने इस तरह के एक अवैध आदेश को पारित किया था, शायद यह जानते हुए भी कि उनके पास ऐसा करने की कोई शक्ति नहीं है।

GOOD NEWS | Jhunjhunu Child Custody Case | Court Reverses Order In Favour Of Father Reuniting Him With His 6-Year-Old Son

Join our Facebook Group or follow us on social media by clicking on the icons below

Donate to Voice For Men India

If you find value in our work, you may choose to donate to Voice For Men Foundation via Milaap OR via UPI: voiceformenindia@hdfcbank (80G tax exemption applicable)

Donate Now (80G Eligible)

Follow Us

Tags: child custodyparental alienationpreet pancharangiyarajasthanshared parenting
Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
hindi.mensdayout.com

पत्नी को अंतरिम गुजारा भत्ता देने के दौरान नहीं, एडल्ट्री का फैसला बाद में होगा: दिल्ली हाई कोर्ट

0
hindi.mensdayout.com

ब्रिटेन की अदालत ने दुबई के शासक को तलाक के रूप में पत्नी को 5,500 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का दिया आदेश, पढ़िए सबसे महंगे Divorce की पूरी कहानी

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India