कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने यह जानने के बाद बलात्कार के एक आरोपी को सशर्त जमानत दी कि कथित पीड़िता (जो एक विवाहित महिला है) स्वेच्छा से रोजाना आरोपी के फोन पर न्यूड पोज देती थी और आरोपी व्यक्ति के साथ सहमति से यौन संबंध बनाए। जस्टिस शिवशंकर अमरन्नावर (Justice Shivashankar Amarannanavar) की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली और उस व्यक्ति को जमानत दे दी।
अदालत ने पाया कि यह रजामंदी से सेक्स का मामला है। पीड़िता ने शादी से पहले और बाद में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। यह पता चला है कि पीड़िता सुबह 4 बजे से 5 बजे के बीच अपने पति के मोबाइल फोन से फोन किया और अपने प्राइवेट पार्ट दिखाए। कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी है कि पीड़िता खुद प्रतिदिन आरोपी को सुबह-सुबह वीडियो कॉल करती थी और इसी दौरान आरोपी ने कथित तौर पर उसके निजी अंगों के स्क्रीनशॉट लिए थे।
क्या है पूरा मामला?
कोप्पल निवासी आरोपी बसनगौड़ा को बलात्कार के आरोप में और पीड़िता की नग्न तस्वीरों के स्क्रीनशॉट उसके पति को भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद आरोपी ने जमानत के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील तस्वीरें भेजने के आरोप में आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
केस का बैकग्राउंड
रेप के आरोपी और पीड़िता रिश्तेदार हैं और एक ही गांव के रहने वाले हैं। कथित तौर पर शादी का वादा करने के बाद आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। हालांकि, महिला ने दूसरे व्यक्ति से शादी कर ली। शादी के बाद भी दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते थे।
आरोपी ने मांग की कि वह सेलफोन पर बातचीत के दौरान अपने निजी अंगों को दिखाए। पीड़िता ने उसकी बात मान लिया और उसकी मांग पूरी कर दी। इसी दौरान आरोपी ने उसके न्यूड वीडियो का स्क्रीनशॉट लिया था। 15 दिनों तक आरोपी के पास महिला का फोन नहीं आया तो उसने 5 अप्रैल 2021 को महिला की न्यूड तस्वीरें उसके पति के मोबाइल पर फॉरवर्ड कर दीं।
वही, न्यूड तस्वीरें मिलने के बाद पति ने अपनी पत्नी से झगड़ा किया और उसे वापस उसके माता-पिता के पास भेज दिया। इस प्रकार विवाहित महिला ने अगले ही दिन बलात्कार, जान से मारने और अन्य आरोप लगाते हुए आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बाद में बसनगौड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया।
हाई कोर्ट की टिप्पणी
हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि पीड़िता शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार थी और आरोपी व्यक्ति को कॉल करने के बाद जानबूझ कर अपने निजी अंगों को मोबाइल पर दिखाया। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित महिला द्वारा शिकायत में लगाए गए आरोपों को देखने के बाद यह पता चलता है कि पीड़िता की शादी होने से पहले उसके एवं याचिकाकर्ता के बीच प्रेम संबंध था और उनके बीच कई बार आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बने थे। इतना ही नहीं विवाह के बाद भी याचिकाकर्ता और पीड़िता के बीच उक्त संबंध जारी रहा।
हाई कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता का आपराधिक इतिहास और याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपित अपराध आजीवन कारावास की सजा के साथ दंडनीय नहीं हैं। आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत आरोपित अपराध 3 साल की कैद और 5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ दंडनीय है। यह माना गया कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और वकील की दलीलों को देखते हुए जमानत देने के लिए वैध आधार बनता है।
हाईकोर्ट ने क्षेत्राधिकार न्यायालय की संतुष्टि के लिए आरोपी को एक लाख रुपये की राशि के निजी मुचलके एवं एक जमानतदार पेश करने की शर्त पर जमानत दे दी। साथ ही अदालत ने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता अभियोजन पक्ष के गवाहों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। वह सभी तारीखों पर न्यायालय में उपस्थित होगा और मामले के शीघ्र निस्तारण में सहयोग करेगा।
मामले को समाप्त करते हुए अदालत ने कहा कि आरोप है कि आरोपी को जमानत दिए जाने पर पीड़िता की जान को खतरा है। पीड़िता द्वारा शारीरिक संबंध के लिए सहमति देने और मोबाइल पर अपने गुप्तांग दिखाने की परिस्थितियों में क्या उसे जीवन के लिए खतरा होगा, इस मामले का फैसला निचली अदालत द्वारा किया जाना चाहिए जो इस मुद्दे को देख रही है।
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ARTICLE IN ENGLISH:
READ ORDER | Karnataka High Court Grants Bail To Man After Married Woman Willingly Sent Nude Pictures To His Mobile
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