कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने राज्य की राजधानी बेंगलुरु में एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने हनीट्रैप में फंसाकर पुरुषों से जबरन वसूली रैकेट चलाने के आरोप में एक महिला को मुंबई से गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी महिला ने 50 से अधिक पुरुषों को अपनी जाल में फंसाकर उनसे भारी रकम वसूल की। महिला के अलावा सेक्सटॉर्शन रैकेट गैंग के तीन अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि मुंबई की रहने वाली कथित मॉडल अपने पुरुष दोस्तों की मदद से लोगों को हनीट्रैप में फंसाती थी। इसके बाद वह ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता था।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य आरोपी की पहचान मेहर (Meher) के रूप में हुई है, जो नेहा के नाम से मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे पैसे ऐंठती थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला पीड़ितों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए भी फोर्स करती थी। न्यूज 18 के मुताबिक, उसने अपने साथियों के साथ मिलकर टेलीग्राम के जरिए पुरुषों से संपर्क किया और फिर उन्हें यौन गतिविधियों के लिए अपने घर पर आमंत्रित किया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मेहर के साथी पुरुषों के साथ यौन गतिविधियों में शामिल होने का एक वीडियो रिकॉर्ड करती थी। फिर बाद में वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए पीड़ितों को ब्लैकमेल करती थी।
50 पुरुषों से 35 लाख रुपये ऐंठने का आरोप
महिला के शिकार पुरुषों को या तो मेहर से शादी करने और इस्लाम कबूल करने या फिर पैसे देने की मांग के साथ ब्लैकमेल किया गया। महिला की अगुवाई में इस जबरन वसूली गैंग ने अब तक ब्लैकमेलिंग के जरिए 50 से अधिक पुरुषों से 35 लाख रुपये से अधिक की उगाही की है। यह आपराधिक गतिविधि कथित तौर पर डेढ़ साल से अधिक समय तक चली। अब तक, पुलिस ने गैंग से 60,000 रुपये बरामद किए हैं, जिसमें डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म Paytm के माध्यम से पेमेंट किया गया था। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि 50 से अधिक लोगों से जबरन वसूली की गई है।
पुटेनहल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 348 (जबरन जबरन कबूलनामा लेने के लिए गलत तरीके से कैद करना) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत एक FIR दर्ज की गई थी। बता दें कि इससे पहले इसी महीने की शुरूआत में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया था। यूपी के कानपुर में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि यह रैकेट ‘ब्लूड’ नामक समलैंगिक डेटिंग ऐप पर फर्जी प्रोफाइल के जरिए संचालित हो रहा था। आरोपी पहले पुरुषों को दोस्ताना बातचीत में शामिल करते थे। फिर बाद में उन्हें डेट पर ले जाते थे, जिसके बाद वे यौन गतिविधियों में शामिल होते थे और वे उसको रिकॉर्ड करते थे। मामला दर्ज होने के बाद गैंग का भंडाफोड़ करने के लिए एक टीम का गठन कर जांच शुरू की गई।
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