बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court) ने 10 मई, 2022 के अपने एक आदेश में पॉस्को (POCSO) अधिनियम के एक आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि होठों पर किस करना या प्यार करना अप्राकृतिक यौन अपराध नहीं है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने एक नाबालिग लड़के के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी। शख्स पर 14 साल के बच्चे से यौन शोषण का आरोप था।
शख्स पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377, 384, 420 और सेक्शन 8 एवं 12 (यौन उत्पीड़न) में मुकदमा दर्ज था। आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई ने इसे अपराध न बताते हुए आरोपी को जमानत दे दी है। नाबालिग लड़के के पिता द्वारा FIR दर्ज कराने के बाद उस व्यक्ति को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित के पिता ने बेटे के साथ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था। पिता ने आरोप लगाया था कि मेरी अलमारी से कुछ पैसे गायब थे। इस बारे में अपने बेटे से पूछने पर पता चला कि वो ऑनलाइन गेम खेलता है। इसके लिए पड़ोस की एक दुकान पर रिचार्ज कराने जाता है। उसने अलमारी से पैसे निकालकर रिचार्ज करवाया था। बेटे ने यह भी बताया कि एक दिन दुकानदार ने उसका यौन शोषण किया था।
नाबालिग ने बताया कि वह ऑनलाइन गेम ओला पार्टी (Ola Party) का रिचार्ज कराने के लिए आरोपी व्यक्ति के पास जब गया था तो शख्स ने उसके होठों को किस किया और उसके निजी अंगों को छूआ। लड़के के पिता ने पुलिस में आरोपी के खिलाफ यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून की संबंधित धाराओं तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत एक FIR दर्ज कराई।
हाई कोर्ट का आदेश
जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई (Justice Anuja Prabhudessai) ने कहा कि पीड़ित के बयान और FIR से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने पीड़ित को होठों पर किस किया और उसके प्राइवेट पार्ट्स को छुआ था। यह प्रथमदृष्टया IPC की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो की धारा 8 और 12 के तहत इस मामले में अपराधी को अधिकतम 5 साल तक की कैद की सजा है। वहीं, याचिकाकर्ता एक साल से हिरासत में था। उस पर अभी आरोप तय नहीं हुआ है और हाल फिलहाल मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं है। ऐसे में वह जमानत का हकदार है।
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 30,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। साथ ही वो हर 2 महीने में एक बार पुलिस थाने में रिपोर्ट करेगा। कोर्ट ने कहा कि आरोपी, शिकायतकर्ता या गवाहों पर दबाव नहीं बनाएगा और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करेगा। आरोपी मुकदमे के संचालन में सहयोग करेगा और सभी तारीखों पर ट्रायल कोर्ट रूम में पेश होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता आरोपी जमानत का हकदार है।
ARTICLE IN ENGLISH:
https://mensdayout.com/read-order-kissing-on-lips-bombay-hc-grants-bail-to-pocso-accused/
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