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Home हिंदी कानून क्या कहता है

पति और ससुराल वालों से बदला लेने के लिए महिला की खुदकुशी की रची गई साजिश, दिल्ली HC ने पत्नी के परिवार को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

Team VFMI by Team VFMI
July 15, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Komal Talan Fake Suicide Case: Delhi High Court Order

91
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दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि कैसे पतियों और उनके पूरे परिवारों (ससुराल वालों) के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों की घटनाओं पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सामाजिक ताना-बाना बर्बाद न हो। हाई कोर्ट ने जोर देकर कहा कि ऐसे मामलों से कानून की प्रक्रिया का और दुरुपयोग हो सकता है।

क्या है पूरा मामला?

दिल्ली हाई कोर्ट उस मामले की सुनवाई कर रहा था, जहां एक महिला की आत्महत्या की झूठी घटना की सूचना दी गई थी और दहेज कानून के प्रावधानों के तहत उसके ससुराल वालों और पति के खिलाफ क्रूरता का मामला दर्ज किया गया था, जो कि कैद में थे।

हालांकि, चौंकाने वाली बात यह थी कि महिला जिंदा थी और उसके आत्महत्या करने की झूठी सूचना दी गई थी, जिसके बाद उसके ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। पति और उसके परिवार को क्रूरता, अपहरण और दहेज निषेध अधिनियम के प्रावधानों के आरोप में जेल भेजा गया था।

इसके बाद, पति की मां ने अपने बेटे की पत्नी पर अपने परिवार के सदस्यों के साथ साजिश रचने, ससुराल से गायब होने की योजना बनाने और उसे आत्महत्या की झूठी जानकारी देने का आरोप लगाते हुए एक FIR दर्ज कराई। कथित रूप से मृत महिला के भाई ने उसके और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और साजिश की FIR मामले में अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

केस का बैकग्राउंड

अभियोजन पक्ष के मामले में उक्त FIR दिनांक 26.12.2020 को धर्मेंद्र सिंह की पत्नी सुश्री बृजेश देवी की शिकायत पर दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अनिल तलान (वर्तमान याचिका में याचिकाकर्ता) की बेटी कोमल की शादी उनके बड़े बेटे अभिषेक कुमार से 20.04.2018 को हुई थी।

कोमल तलन अभिषेक कुमार के साथ रहने को तैयार नहीं थी और उनसे पैसे निकालने के लिए, उसने अपने परिवार के सदस्यों के साथ वर्तमान याचिकाकर्ता और उसके दोस्त तुषार चतुर्वेदी सहित अन्य ने मिलकर एक साजिश रची। ससुराल से गायब होने की योजना को अंजाम देने के लिए उसने खुदकुशी की झूठी सूचना दी।

इस बीच, कोमल तलान के परिवार के सदस्यों ने अभिषेक कुमार के खिलाफ गाजियाबाद के इंदिरापुरम में धारा 498-A/364 IPC और 3/4 दहेज निषेध अधिनियम के तहत FIR संख्या 1479/2019 दिनांक 06.07.2019 को एक मामला दर्ज किया। परिणामस्वरूप अभिषेक कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में उक्त मामले में जमानत पर है।

दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित रूप से मृतक महिला के भाई को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपों की गंभीर प्रकृति और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि धारा 364 (हत्या के लिए अपहरण) के तहत आपराधिक कार्यवाही झूठी मिलीभगत से शुरू की गई थी। जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि उपरोक्त तथ्यात्मक स्थिति के केवल अवलोकन से पता चलता है कि परोक्ष मकसद के लिए कथित आत्महत्या की घटना को गढ़ा गया था। इससे न केवल शिकायतकर्ता के परिवार की बदनामी हुई, बल्कि प्रतिकूल मीडिया कवरेज से दुख हुआ। इतना ही नहीं महिला के पति को भी अनुचित तरीके से जेल में डाल दिया गया।

कोर्ट ने आगे कहा कि आपराधिक कार्यवाही कानून की प्रक्रिया के घोर दुरुपयोग के रूप में शुरू की गई थी। इस तरह के आचरण के निहितार्थ और परिणामों को याचिकाकर्ता द्वारा पूर्वोक्त समय पर पूरी तरह से कल्पना नहीं की गई होगी, लेकिन महिला के पति की अनावश्यक हिरासत ने निश्चित रूप से निपटान की संभावना को बर्बाद कर दिया। ऐसा प्रतीत होता है कि लापता होने और आत्महत्या की घटना को गढ़कर कानून को ढाल के बजाय हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है।

ससुरालवालों के खिलाफ ऐसी मामलों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत

जज ने आगे कहा ऐसे मामलों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के तथ्यों के निर्माण से सामाजिक ताना-बाना बर्बाद न हो। यदि वैवाहिक विवादों और मतभेदों के दौरान पूरे परिवार के खिलाफ गढ़े गए सर्वव्यापी आरोपों द्वारा झूठे आरोप लगाने की अनुमति दी जाती है, तो इससे कानून की प्रक्रिया का और अधिक दुरुपयोग हो सकता है।

हाई कोर्ट ने कहा कि धोखाधड़ी के मामले में महिला की अग्रिम जमानत लंबित रहने के दौरान उसे गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण से पहले ही इनकार कर दिया गया है। कोर्ट ने आखिरी में यह निष्कर्ष निकाला कि इस स्तर पर इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि महिला उक्त अवधि के दौरान परिवार के सदस्यों के संपर्क में थी और बिना किसी कारण के उसका पति कुमार हिरासत में रहा। साथ ही, ऐसा प्रतीत होता है कि कथित सुसाइड नोट के आधार पर मामले को मीडिया में उजागर किया गया था, जिसे अभियोजन पक्ष पुनर्प्राप्त करना चाहता है।

READ ORDER | Alleged Suicide, Dowry Death Of Woman Was Faked To Wreak Vengeance Against Husband, In-Laws: Delhi High Court Denies Anticipatory Bail To Wife’s Family

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