मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने 23 फरवरी, 2022 को अपने एक आदेश में एक व्यक्ति (पति) को निर्देश दिया कि वह अपनी पत्नी के साथ ससुराल में एक महीने तक रहे ताकि परिवार आने वाले समय में फिर से एकजुट हो जाए। पति पर अपनी पत्नी की पिटाई करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 मार्च, 2020 को सूचीबद्ध किया है।
क्या है पूरा मामला?
पत्नी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पति ने नशे में न केवल उसके साथ दुर्व्यवहार किया और क्रूरता और शारीरिक हमले किए, बल्कि उसे घर से निकाल भी दिया और बच्चे को जबरन अपने कब्जे में ले लिया। पत्नी का तर्क है कि मां होने के नाते, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को प्राप्त करने में, बच्चे की उम्र और कल्याण को ध्यान में रखते हुए, बच्चे की कस्टडी की हकदार हैं। वहीं दूसरी ओर पति की ओर से पेश हुए वकील ने इस दलील के साथ आरोपों का खंडन किया और कहा कि पत्नी ने खुद से ही पति के घर को छोड़ दिया और बच्चे को अपने पति के पास छोड़कर चली गई थीं।
हाई कोर्ट का आदेश
जस्टिस रोहित आर्य की पीठ पत्नी द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दो साल की उम्र के अपने बच्चे (कॉर्पस) को पेश करने की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि पत्नी का घर वापस आने और परिवार के साथ रहने के लिए स्वागत है और वह सभी उचित देखभाल करेंगे। हालांकि, पत्नी ने अपने पति के दुर्व्यवहार की पुनरावृत्ति की आशंका व्यक्त की।
इन परिस्थितियों में हाई कोर्ट ने सुझाव दिया कि पति को एक महीने की अवधि के लिए अपने ससुराल (पत्नी के मायके) में जाकर रहना चाहिए। इस सुझाव का कोर्ट में उपस्थित पत्नी के माता-पिता ने भी स्वागत किया और यह भी कहा कि वे न केवल पति को अपने साथ रहने की अनुमति देने के लिए तैयार हैं बल्कि उनकी अच्छी देखभाल भी करेंगे ताकि परिवार आने वाले समय के लिए फिर से एक हो जाए।
पत्नी के माता-पिता की सराहना करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि पति, बच्चे के साथ पत्नी के माता-पिता के साथ उनके घर जाएंगे और वहां एक महीने की अवधि के लिए रहेंगे। कोर्ट ने आगे कहा कि पत्नी और पत्नी के माता-पिता पति की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करेंगे। यह, वास्तव में दंपत्ति के अपने बच्चे के साथ स्वस्थ और एकजुट जीवन के लिए एक उपचार प्रक्रिया है। इसके साथ ही अदालत ने पत्नी, पति और पत्नी के माता-पिता और कॉर्पस को मार्च में अगली तारीख के दौरान अदालत के समक्ष उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
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Madhya Pradesh HC Orders Husband To Live With In-Laws For One Month So That Family Gets Reunited
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