छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष (Chhattisgarh Women Commission Chairperson) ने पुरुषों के साथ सहमति से संबंधों के बाद महिलाओं द्वारा बलात्कार की शिकायतों से जुड़े मामलों पर चर्चा करते हुए जमीनी हकीकत के बारे में दो टूक बातें कीं। हालांकि, महिला आयोग प्रमुख ने वास्तविक महिला पीड़ितों के खिलाफ कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोग उनके बयान से परेशान नजर आए, जिनमें राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा (Rekha Sharma) भी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (Dr Kiranmayee Nayak) ने रायपुर के प्राथना भवन में पत्रकारों से बातचीत और महिला उत्पीड़न के मामलों पर चर्चा करते हुए झूठे मामलों की भयावह स्थिति पर भी टिप्पणी की। नायक ने इस बारे में बात की कि कैसे महिलाओं को रियल और रील लाइफ के बीच के अंतर को समझना चाहिए, और स्क्रीन पर दिखाई देने वाली हर चीज पर विश्वास नहीं करना चाहिए। राज्य आयोग के प्रमुख ने यह भी टिप्पणी की कि ऐसी कई महिलाएं थीं, जिन्होंने सहमति से संबंध बनाने के बाद ‘पीड़ित’ होने का दावा किया था।
जब पत्रकारों ने उनसे महिला उत्पीड़न के बारे में पूछा तो डॉ. नायक ने कहा, “अधिकांश मामलों में लड़कियां पहले सहमति से संबंध बनाती हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में भी रहते हैं और उसके बाद फिर FIR करते हैं, रेप के ऑफेंस की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। तो मैं सभी से ये अनुरोध करुंगी कि अपने रिश्ते, अपने स्टेटस को पहले देखें-समझें और ऐसे रिश्तों में यदि आप पड़ते हैं तो उसका परिणाम हमेशा बुरा होता है।” डॉ नायक ने आगे कहा कि ऐसे में लड़कियों को किसी के साथ संबंध बनाने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे रिश्तों के परिणाम किसी भी तरह से अच्छे नहीं हो सकते हैं।
रियल और रील दो अलग-अलग दुनिया हैं
नायक ने टिप्पणी की कि कैसे रियल लाइफ लोगों द्वारा फिल्मों में देखने से अलग है। उन्होंने महिलाओं से अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर लड़कियां नाबालिग हैं, तो उन्हें उस उम्र में फिल्मों में प्यार को जिस तरह से दिखाया जाता है, उसे नजरअंदाज कर देना चाहिए और ऐसी किसी भी हरकत में नहीं फंसना चाहिए। यह उनके परिवार, घर और जीवन को बर्बाद कर सकता है।
चेयरपर्सन ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं जहां लड़कियों की उम्र 18 साल भी नहीं हुई है, लेकिन उनकी शादी हो गई है। तब यही ज्यादातर लड़कियां बच्चे को जन्म देने के बाद महिला आयोग से संपर्क करती हैं।
पहले अपने जीवन का निर्माण करें
उन सभी लड़कियों के लिए जो कम उम्र में अपने जीवन के इतने बड़े फैसले बिना सोचे समझे ले लेती हैं, अंत में अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण साल गंवा देती हैं। उन सभी के लिए डॉ. नायक का स्पष्ट संदेश है कि वे पहले खुद को शिक्षित करके अपने जीवन में निर्णय लेने के लिए पर्याप्त रूप से जिम्मेदार बनें।
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को अपनी राय रखने में सक्षम होना चाहिए और यदि कोई विवाहित पुरुष उन्हें उससे प्यार करने के लिए मजबूर कर रहा है, तो वह रिश्ता कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपको समझना होगा कि वह आपसे झूठ बोल रहा है। हालांकि, इस तरह के रिश्तों में स्वेच्छा से शामिल होने के बाद, महिलाएं न्याय के लिए पुलिस थानों और अदालतों का चक्कर लगाती हैं।
NCW प्रमुख ने जताई असहमति
राष्ट्रीय महिला आयोग रेखा शर्मा ने डॉ नायक द्वारा व्यक्त की गई किसी भी सच्चाई को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। शर्मा ने ट्विटर पर लिखा कि हम कहते हैं कि लोगों को पीड़ितों को दोष देने की मानसिकता को बदलने की जरूरत है, लेकिन अगर SCW अध्यक्ष की ऐसी मानसिकता होगी तो पीड़ित कहां जाएंगे। @ChhattisgarhCMO (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री) कृपया इस पर ध्यान दें। महिला बॉडी चीफ का कहना है कि ब्रेक-अप के बाद ज्यादातर रेप की शिकायतें दर्ज हुई हैं।
मेन्स डे आउट ने शर्मा को ऐसे मामलों से कराया अवगत
मेन्स डे आउट ने NCW प्रमुख रेखा शर्मा को बताया कि कैसे झूठे बलात्कार मामलों की शिकायतें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राजस्थान के डीजीपी, हिमाचल प्रदेश पुलिस के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार को भी अपने लेटेस्ट शक्ति एक्ट के माध्यम से मिली हैं। दुरुपयोग को खारिज करने के बजाय NCW प्रमुख को झूठे आरोप लगाने वालों को दंडित करने पर कार्य करना चाहिए, ताकि बलात्कार के वास्तविक पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके। हालांकि, इस संदर्भ में उनके ट्वीट का स्पष्ट अर्थ है कि महिलाएं हमेशा शिकार होती हैं और पुरुषों को उनके मात्र आरोपों पर जेल में होना चाहिए।
अपने हालिया ट्वीट में सीएनएन न्यूज 18 की वरिष्ठ राजनीतिक संपादक पल्लवी घोष ने भी खुलकर बात की है कि जहां तक झूठी बलात्कार की शिकायतों का संबंध है, पुलिस और जमीन पर मौजूद लोगों ने क्या साझा किया है। घोष ने उस खबर पर टिप्पणी की थी जब हमने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के आरोपों को रद्द करने का आदेश प्रकाशित किया था, जहां महिला ने ‘गुस्से में’ झूठी शिकायत दर्ज कराई की थी। दिल्ली हाईकोर्ट का पूरा आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
नायक की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आयोग की अध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा है कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने अनुभव के आधार पर बयान दिया होगा। उन्होंने कहा कि महिला आयोग की किसी बात पर मैं टिप्पणी नहीं करुंगा। संवैधानिक पद है और उन्होंने यदि कुछ कहा है तो अपने अनुभव के आधार पर कहा होगा, आंकड़ों के आधार पर कहा होगा।
VIDEO:
Women Are Filing False Rape Cases After Live-in
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ARTICLE IN ENGLISH:
Watch Video | Many Rape Complaints Filed After Live-in Relationships Fail: Chhattisgarh Women Commission Chairperson
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