अपहरण एक गंभीर आरोप है, खासकर अगर ऐसा ही किसी नाबालिग के साथ किया जाता है तो यह और भी गंभीर हो जाता है। हालांकि, हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां बच्चे खुद को परिवारवालों से बचने के लिए इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। परेल में एक लड़के द्वारा खुद के अपहरण का दावा झूठ का पुलिंदा निकला। पुलिस ने बताया कि देर से घर आने पर डांट खाने के डर से नाबालिग ने अपहरण की झूठी शिकायत दर्ज करा दी।
रविवार शाम तक, पुलिस एक वायरल वीडियो की जांच कर रही थी जिसमें नाबालिग खुद के “अपहरण” होने का दावा कर रहा था। वायरल वीडियो में लड़का कहता है मंगलवार को मैं घर लौट रहा था कि एक शख्स ने मेरा अपहरण करने की कोशिश की। मैंने मदद के लिए शोर मचाया तो वह भाग गया। वीडियो में बात करने वाली उनकी चाची ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। यह मामला अगस्त 2019 का है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) विनय चौबे ने कहा कि उन्होंने थाने को जांच के निर्देश दिए हैं। भोईवाड़ा थाने के अधिकारियों को पूछताछ कर अपहरण का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि रविवार शाम तक कहानी में नया ट्विस्ट आ गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लड़का झूठ बोल रहा था। घर देर से पहुंचने और डांट खाने के डर से उसने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी।
2013 में भी एक नाबालिक लड़की जो अपने प्रेमी का ध्यान आकर्षित करने के लिए बेताब थी, उसने कथित तौर पर इसी तरह खुद के अपहरण होने का दावा की थी। उसके दावे के कारण शहर भर में पुलिस अलर्ट हो गई थी। 25 अधिकारियों की एक टीम द्वारा दो निर्दोष लड़कों को हिरासत में लिया गया था। शुरूआत में कक्षा X बीच में छोड़ने वाली छात्रा ने संकेत दिया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और उसका यौन उत्पीड़न किया गया। लेकिन जब पुलिस गैंगरेप के डर से उसे परीक्षण के लिए केईएम अस्पताल ले गई, तो यह सामने आया कि उसने अपना अपहरण खुद करवा लिया था।
मुंबई में अपहरण की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। 2018 से अप्रैल 2019 के बीच मुंबई पुलिस के सामने युवा लड़कों और लड़कियों के अपहरण के 3,041 मामले सामने आए। इनमें से युवा लड़कियों की संख्या 2,000 थी जबकि लड़कों की संख्या 1,041 थी।
यह दुखद है जब बच्चे वास्तविक पीड़ितों के आघात को समझे बिना इन “आरोपों” का दुरुपयोग करते हैं। इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बार-बार आकस्मिक रूप से दोबारा न हों। केवल एक व्यक्ति के आकस्मिक रवैये के कारण, कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि किसी को झूठे निहितार्थ के लिए कितना नुकसान उठाना पड़ता है।
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Minor Boy Faked His Own Kidnapping As He Was Scared After Reaching Home Late
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