भारत में भरण-पोषण और गुजारा भत्ता कानूनों की कोई समय-सीमा नहीं है। भारतीय कानून के अनुसार अलग हो चुकी पत्नियां आजीवन भरण-पोषण के लिए पात्र हैं, जब तक कि पति महिला की मांग के अनुसार एक बार भुगतान नहीं करता। बॉलीवुड अभिनेता रघुबीर यादव (Raghubir Yadav) का तलाक-गुजारा भत्ता मामला एक बार फिर से चर्चा में है। पिछले साल जुलाई में उनकी अलग रह रही पत्नी पूर्णिमा खड़गे (Purnima Kharge) ने एक बार फिर दावा किया कि उनके पति ने उन्हें रखरखाव का भुगतान नहीं किया है।
क्या है पूरा मामला?
रघुबीर यादव की अलग हो चुकी पत्नी पूर्णिमा ने आरोप लगाया है कि अभिनेता उसे गुजारा भत्ता नहीं दे रहे हैं। यह कपल 26 साल पहले वर्ष 1995 में अलग हो गई थी। पूर्णिमा ने पिछले साल जुलाई में एक लीडिंग डेली अखबार को बताया था कि पिछले साल एक समय था जहां मुझे 5 महीने के लिए भुगतान नहीं किया गया था। इस देरी की कीमत मुझे यारी रोड पर मेरे घर के रूप में चुकानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि मैं समय पर किराए का भुगतान नहीं कर सकी और मुझे अपमान का सामना करना पड़ा। इसके बाद मैं कर्ज पर जी रही थी। साथ ही, मुझे अपना सोना गिरवी रखना पड़ा। इस साल भी मैं 4 महीने के लिए बिना भुगतान रही। अदालत में तारीख से दो महीने पहले मुझे 80,000 रुपए दिए गए जो कि 2 महीने के लिए थे।
पत्नी का तर्क
पूर्णिमा की वकील इशिका तोलानी ने कहा कि रघुबीर यादव अपने करियर में अच्छा कर रहे हैं और उनकी यह बात बेतुकी है कि वह पूर्णिमा की मांग की गई राशि का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। वह कहती हैं कि मेरी मुवक्किल को इतनी कठिन जिंदगी जीने का खामियाजा भुगतना पड़ता है और रघुबीर को उसकी उम्मीदों के मुताबिक भुगतान करना चाहिए। पूर्णिमा ने अपने बेटे को माता और पिता दोनों के रूप में पाला है।
तोलानी की सहयोगी तोबा खान ने अखबार से कहा था कि रघुबीर अपनी पत्नी और बच्चे को छोड़कर चला गया है। हमने मध्यस्थता प्रक्रिया की भी कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। पत्नी पूर्णिमा ने यह भी आरोप लगाया कि रघुबीर ने अब हमारे बेटे का नंबर भी अपने फोन पर ब्लॉक कर दिया है।
अभिनेता के वकील का तर्क
अभिनेता के कानूनी वकील का कहना है कि उनकी पत्नी पूर्णिमा एक ऐसी राशि की मांग कर रही हैं जोकि देना असंभव है। रघुबीर यादव की वकील शालिनी देवी ने अखबार को बताया कि रघुबीर और पूर्णिमा के बीच के झगड़े को और बदसूरत बनाने का कोई मतलब नहीं है। पूर्णिमा बहुत ज्यादा राशि मांग रही है, नहीं तो मेरे मुवक्किल ने इस मामले को अब तक सुलझा लिया होता। उन्होंने कहा कि रघुबीर 71 साल के हैं और पूर्णिमा को समझना चाहिए।
मामले की पृष्ठभूमि
दरअसल, साल 2020 में 25 साल से अलग रह रही 60 वर्षीय पूर्णिमा ने शादी के 32 साल बाद मुंबई के एक फैमिली कोर्ट में तलाक मांगा और एडल्ट्री का आरोप लगाया। पूर्णिमा एक पूर्व कथक डांसर हैं और रघुबीर से उनका 30 साल का एक बेटा है। पूर्णिमा और रघुवीर साल 1988 में शादी के बंधन में बंधे और 1995 से अलग रह रहे हैं। अपनी तलाक की याचिका में पूर्णिमा ने एक लाख रुपए के अंतरिम रखरखाव और 10 करोड़ रुपए के गुजारा भत्ते की मांग की था। हालांकि, ‘लगान’ अभिनेता ने पत्नी के नए आरोपों का जवाब नहीं दिया है।
ये भी पढ़ें:
टीवी अभिनेता विवियन डीसेना और वाहबिज दोराबजी का आधिकारिक रूप से हुआ तलाक, यहां पढ़िए गुजारा भत्ता की मांग और विवाद से जुड़ी पूरी डिटेल
ब्रिटेन की अदालत ने दुबई के शासक को तलाक के रूप में पत्नी को 5,500 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का दिया आदेश, पढ़िए सबसे महंगे Divorce की पूरी कहानी
ARTICLE IN ENGLISH:
Raghubir Yadav’s Wife Claims Husband Not Paying Alimony | Separated in 1995, Woman Filed For Rs 10 Crore In 2020
पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।
इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।
हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.