राजस्थान के तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने अक्टूबर 2021 में स्कूलों में महिला कर्मचारियों के बारे में एक ऐसी टिप्पणी की थी जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक संबोधन के दौरान उन्होंने बातों-बातों में यह कहना चाहा कि जिस स्कूल में महिला टीचर ज्यादा होती हैं, वहां झगड़े अधिक होते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन स्कूलों में महिला स्टाफ अधिक हैं, वहां झगड़े अधिक होते हैं। यही बात उन्हें पुरुषों से आगे निकलने से रोकती है। मंत्री ने आगे कहा था कि मेरे पास ऐसी बहुत सी रिपोर्ट आती हैं, जहां महिलाएं स्कूलों में झगड़ा करती हैं। अगर महिला टीचर इन छोटी-छोटी बातों में सुधार कर लें तो वे पुरुषों से आगे निकल जाएंगी।
डोटासरा ने चुटकी लेते हुए कहा था कि महिलाओं के झगड़े कारण अध्यापकों और प्रधानाचार्यों को सेरीडॉन (सिरदर्द की गोली) तक खानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए योजनाएं लाई है, महिलाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। वे इन सब से ऊपर उठकर पुरुषों से आगे निकलें।
उन्होंने कहा का मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मैं शिक्षा मंत्रालय का मुखिया हूं। महिला कर्मचारियों का आपस में काफी झगड़ा होता है। कभी देर से आने को लेकर, तो कभी जल्दी आने को लेकर झगड़ा होता है। यदि आप (महिला टीचर) इसमें सुधार कर लेंगी, तो आप हमेशा पुरुषों से आगे रहेंगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई हैं जो महिलाओं को प्राथमिकता देती हैं। डोटासरा टीचर्स को संबोधित कर रहे थे और बता रहे थे सरकार ने हर जगह महिलाओं को प्राथमिकता दी हुई है और महिलाएं थोड़े और प्रयास से बहुत आगे आ सकती हैं।
डोटासरा ने कहा कि हमारे पास कई लोग आते हैं और कहते हैं कि शहर के पास हमारी ड्यूटी लगा दीजिए। हम कहते हैं जगह नहीं है। फिर वे लोग कहते हैं कि जगह कैसे होगी सारी महिलाओं को शहर के नजदीक लगाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने पॉलिसी ऐसी बनाई है कि महिला फर्स्ट…। हमने सिलेक्शन और प्रमोशन में महिलाओं को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि कई लोगों को यह अच्छा नहीं लगता। वे पूछते हैं कि क्या हम लोग अच्छा नहीं पढ़ाते हैं? लेकिन एक बात मैं आप लोगों से कहना चाहूंगा। आप (महिला टीचर्स) लोगों के आपस में झगड़े भी बहुत हैं, जिस स्कूल में महिला का स्टाफ हो गया ना वहां वारे न्यारे हो जाएंगे।
हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ा था। एक नाराज पति ने ट्वीट कर कहा कि मेरी पत्नी एक टीचर है, जो घर का काम करने के साथ परिवार और उनके बेटे की ठीक ठंग से देखभाल करती है। उसने कहा कि आज इसे हासिल करने के लिए महिलाओं ने बहुत मेहनत की है।
डोटासरा के अलावा कर्नाटक के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने भी एक ऐसा ही बयान देते हुए कहा था कि आधुनिक भारतीय महिलाएं अकेली रहना चाहती हैं और शादी के बाद भी बच्चे को जन्म देने को तैयार नहीं हैं और सरोगेसी द्वारा बच्चों की इच्छा पूरी कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पश्चिमी प्रभाव के कारण आज का समाज माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहता। सुधाकर को अपने सोच में बदलाव करने की अपील करते हुए लोगों ने खूब ट्रोल किया था।
WATCH VIDEO | Schools With More Female Staff See More Fights: Rajasthan Education Minister
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