राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) से एक ऐसा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जहां शादीशुद महिलाओं ने चंद रुपयों के लिए अपने आपको अविवाहित बता दी। गाजियाबाद के नंदग्राम क्षेत्र में सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाले 75 हजार रुपये पाने के लिए कई महिलाओं ने फर्जी दस्तावेज लगाकर स्कीम का लाभ ले लिया। जांच में खुलासा है कि कई महिलाओं की शादी हो चुकी है। किसी महिला का 13 साल का बेटा है, तो कोई तीन साल से विवाहित है। जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर श्रम विभाग के अधिकारियों ने सिहानी गेट थाने में 6 के खिलाफ केस दर्ज कराए हैं। फिलहाल, मामले में आगे की जांच की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल 24 नवंबर 2022 को जिले में सामूहिक विवाह का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सामूहिक विवाह योजना के तहत कन्या विवाह सहायता के तौर पर सरकार की ओर से 75,000 रुपये दिए जाने थे। इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ श्रमिकों ने पहले से शादीशुदा अपनी बेटियों के गलत डॉक्यूमेंट्स बनवाकर योजना के लिए अप्लाई कर दिया और सामूहिक विवाह योजना के तहत 75 हजार रुपये ले लिया।
इनके खिलाफ केस दर्ज
मामले की जांच में शामिल श्रम विभाग के एक अधिकारी ने विजयनगर निवासी दिव्या, प्रताप विहार निवासी सरोज एवं प्रीति, बांबे कॉलोनी निवासी सजीदा एवं हिना, भोजपुर निवासी राजेंद्र सिंह एवं अंजली, रोजी कॉलोनी विजयनगर निवासी रहीसन एवं साइस्ता और इंद्रगढ़ी निवासी रामवीर, स्वाति एवं शिल्पी कुमारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस का बयान
एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने अखबार को बताया कि श्रम विभाग की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल, मामले में आगे की जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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