68 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपनी बेटी पर उत्पीड़न और घरेलू (शारीरिक) हिंसा का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से सुरक्षा मांगी है। याचिकाकर्ता के अनुसार, उनकी बेटी ने अपने पति का घर छोड़ दिया है और अब वह उसके साथ ही रहती है। पीड़ित का आरोप है कि उनकी बेटी न केवल पिता, बल्कि परिवार के अन्य सभी सदस्यों को भी कथित रूप से परेशान कर रही है। बुजुर्ग ने दावा किया है कि बेटी ने याचिकाकर्ता, उनकी पत्नी और अपनी बहन के साथ मारपीट की है।
क्या है पूरा मामला?
याचिकाकर्ता पिता के अनुसार, उसकी एक बेटी उसे लगातार परेशान कर रही है, जो अपने पति का घर छोड़कर अब उसके साथ रह रही है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके, उसकी पत्नी और उसकी बहन के साथ मारपीट की है। वरिष्ठ नागरिक कई बीमारियों से पीड़ित हैं। पुलिस के मुताबिक इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से शिकायत मिली है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से पश्चिम विहार थाने को 18 मार्च 2021 को उसकी बेटी के खिलाफ दी गई शिकायत पर FIR दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि विवाद के निपटारे तक उसे और घर के अन्य सदस्यों को प्रतिवादी बेटी से बचाने के लिए पुलिस को आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं।
दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद (Justice Subramonium Prasad) की बेंच ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह बुजुर्ग को बीट कांस्टेबल और स्थानीय पुलिस थाने के SHO का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि याचिकाकर्ता को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो वह मेंटिनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटिजंस एक्ट, 2007 के तहत सक्षम प्राधिकार में अप्रोच कर सकता है।
अदालत ने प्राधिकार से कहा कि वह अदालत की किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना केस को उसके अपने गुण-दोष के आधार पर निपटाए। साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी साफ किया कि उसने इस केस में जो भी टिप्पणी की, वह इसके अपने मेरिट के आधार पर थी।
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“My Daughter Who Left Her Husband’s Home Beats Me”; 68YR Old Father Approaches Delhi High Court For Protection
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