- ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) ने 20 अक्टूबर को एक बयान में महिला कर्मचारियों के लिए महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव (Paid Monthly Period Leave) देने का ऐलान किया था। मासिक धर्म संबंधी किसी भी चुनौती के माध्यम से उनका समर्थन करने के लिए कंपनी ने कहा था कि उसने अपनी महिला डिलीवरी पार्टनर्स के लिए ‘नो-क्वेश्चन-आस्कड, टू-डे पेड मंथली पीरियड टाइम ऑफ पॉलिसी’ (no question Asked 2 Day Period Leave) का ऑप्शन दिया है। इसके साथ ही ये छुट्टियां वॉलेंटरी हैं यानी अगर जो महिला अपनी पीरियड लीव यूज नहीं करना चाहती है तो वह काम कर सकती है।
ऐसे कैसे चलेगा?
स्विगी पर 99 फीसदी महिला डिलीवरी पार्टनर 45 साल से कम उम्र की हैं और उनमें से 89 प्रतिशत के पास कम से कम एक बच्चा है। इसके लगभग 1,000 महिला डिलीवरी पार्टनर हैं, हालांकि इसने यह उल्लेख नहीं किया कि उनमें से कितने को प्लेटफॉर्म पर नियमित रूप से गिना जाता है। डिलीवरी पार्टनर स्वेच्छा से टाइम-ऑफ ले सकते हैं और उस दौरान न्यूनतम कमाई की गारंटी के पात्र हो सकते हैं। कुछ समय पहले स्विगी के व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी ज़ोमैटो (Zomato) ने भी कर्मचारियों के लिए अवधि की छुट्टी की पेशकश की थी, न कि गिग श्रमिकों के लिए।
महिला डिलीवरी पार्टनर्स के लिए कट ऑफ टाइम
इससे पहले स्विगी ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए महिला डिलीवरी पार्टनर के लिए शाम 6 बजे डिलीवरी का समय तय किया था। कंपनी ने बाद में इसे संशोधित किया और कहा कि हालांकि, हमने महसूस किया कि यह कदम वास्तविक समावेशिता को सीमित करता है, जबकि महिला पार्टनर्स को सबसे आकर्षक स्लॉट्स में से एक- डिनर पीक के दौरान डिलीवरी करने से भी रोकता है। हम अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को बेहतर बनाकर इसे बदल रहे हैं। ये कदम ऐसे समय में आए हैं जब भारत में गिग वर्कर्स (gig workers) के अधिकारों की अधिक जांच हो रही है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्विगी ने यह भी कहा कि पार्टनर्स- पुरुषों और महिलाओं को उस आदेश को अस्वीकार करने की छूट दी जाएगी जो उन्हें लगा कि क्षेत्र असुरक्षित है।
कंपनी का बयान
स्विगी ऑपरेशन्स के वाइस प्रेसिडेंट मिहिर शाह (Mihir Shah) ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि पीरियड के दौरान ड्यूटी पर होना, असहज होते हुए भी रोड पर होना। ये डर ये एक बड़ी वजह है कि कई महिलाएं डिलीवरी एजेंट्स बनने से कतराती हैं। इस कदम के उठाने से उन्हें इस बात का सुकून रहेगा कि पीरियड के दिनों में वो आराम से छुट्टी ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि मेन्स्ट्रुएशन के दौरान सड़क पर किसी के यहां डिलीवरी करने जाना परेशानी भरा होता है और यही वजह है कि इस क्षेत्र में महिलाएं काम करने आगे नहीं आ पा रही हैं।
शाह ने कहा कि महिलाओं को पीरियड से जुड़ी समस्याओं के दौरान सहयोग करने के उद्देश्य से हम लोगों ने बिना कोई सवाल पूछे हर महीने दो दिनों के लिए पेड लीव महिला डिलीवरी एजेंट्स को देने का फैसला लिया है। ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने आगे बताया कि स्विगी ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स के लिए ‘सेफ जोन’ और शाम 6 बजे तक डिलीवरी के समय जैसे कदम उठाए हैं। हालांकि कई प्रोग्रेसिव लोगों ने, जिनमें फेमिनिस्ट महिलाएं भी शामिल हैं, इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है इससे जेंडर के हिसाब से भेदभाव बढ़ेगा।
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