यह स्टोरी क्राइम पेट्रोल या सावधान इंडिया सीरीज का अगला एपिसोड हो सकता है। जी हां, 14 साल पहले जिस पत्नी की हत्या के आरोप में ससुराल पक्ष को जेल की हवा खानी पड़ी थी अब वह अपने वैवाहिक घर से लगभग 50 किलोमीटर दूर जिंदा पाई गई है। फर्जी हत्या की योजना बनाकर उसे अंजाम देने वाली महिला को डेढ़ दशक बाद पकड़ा गया है।
क्या है पूरा मामला?
– 5 फरवरी 2005 की रात पाटन के बलवा गांव में पति यश पांचाल (Yash Panchal) के दादा-दादी 4 साल के पोते के रोने की आवाज सुनकर अचानक उठ गए।
– हालांकि उठने के बाद उन्होंने देखा कि बगल में सो रही यश की मां भीखी पांचाल (Bhikhi Panchal) गायब थी।
– एक घंटे तक तलाश के बाद उन्हें बगल के खेत में एक महिला का शव मिला, जिसने भीखी की तरह लाल रंग की साड़ी पहनी थी और उसका चेहरा पूरी तरह से जल गया था।
– शव 24 वर्षीय भीखी का होने का संदेह था और उसके सास-ससुर एवं भाभी को उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।
– भीखी के पति प्रकाश मुंबई में दूर थे, जहां वह एक कारखाने में वेल्डर के रूप में काम कर रहे थे।
– लगभग एक महीने पहले प्रकाश को बनासकांठा (गुजरात) में पालनपुर की स्थानीय क्राइम ब्रांच से एक फोन आया, जिसमें उसने WhatsApp पर भीखी की एक तस्वीर के बारे में बताया, क्योंकि उन्हें संदेह था कि उन्होंने उसे ढूंढ लिया है।
– उन्होंने कहा कि वह इतने वर्षों से केवल 50 किमी दूर एक प्रेमी के साथ भावना राठौर (Bhavna Rathore) के रूप में रह रही है और हो सकता है कि उसने उस महिला को मार डाला हो जिसे उसके रूप में गलत समझा गया था।
पति ने बताई पूरी कहानी
प्रकाश के अनुसार, वह अपने गांव में ही था और रात के खाने के बाद उसी खेत में टहल रहा था, जहां भिखी का शव मिला था। कुछ दिनों बाद प्रकाश अपने बड़े भाई प्रहलाद, बहन कोकिला और चचेरे भाई दशरथ और दलपत के साथ महिला की पहचान के लिए पालनपुर गया। उनका कहना है कि पहचान परेड के दौरान सबसे पहले भिखी ने उन्हें देखा और चिल्लाया, “वो मेरा पति है।”
स्तब्ध और अवाक प्रकाश ने सिर्फ यह व्यक्त किया कि कैसे भीखी ने अपना वजन कम किया था और उसके चेहरे की चमक चली गई थी। उसने फिर चुपचाप सिर हिलाया और पुष्टि की कि यह वास्तव में वह थी! अब 40 वर्षीय प्रकाश को हाल ही में लीवर कैंसर का पता चला था। फिलहाल वह बिस्तर पर पड़ा है और काम नहीं कर सकता। वह और उनका 18 साल का बेटा यश अहमदाबाद में रहते हैं।
पुलिस का बयान
पुलिस के अनुसार, भीखी ने 2005 की हत्या को एक प्रेमी विजुभा राठौर के साथ मिलकर अंजाम दिया। उन्होंने मानसिक रूप से अस्थिर एक महिला की हत्या कर दी और उसके चेहरे को मिट्टी के तेल से जला दिया। अधिकारियों का कहना है कि दंपति तब से मेहसाणा में एक किराए के फ्लैट में रह रहे हैं, और भीखी ने कबूल किया है और उसने कोई पछतावा नहीं होने का दावा किया है।
पुलिस ने भिखी और विजुभा के दो कथित साथियों जेनाजी परमार और वखत परमार को भी गिरफ्तार कर लिया है। 2005 में जिस महिला की हत्या की गई थी उसकी पहचान शारदा रावली के रूप में हुई है। चूंकि वह एक बेसहारा थी, पुलिस का कहना है, किसी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की। भिखी ने उसे कभी-कभार खाना देकर उसका विश्वास हासिल की थी।
पुलिस ने हाल ही में प्रकाश को फोन करके बताया था कि भीखी जिंदा हो सकती है। पालनपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक अजीत राजन ने कहा कि भीखी और विजुभा ने उसकी मौत को नकली बनाया ताकि वे एक नया जीवन शुरू कर सकें।
उन्होंने विजुभा के साथियों की वैन में रावल को बलवा का लालच दिया और उसकी हत्या कर दी। फिर भीखी ने अपनी साड़ी उस पर रख दी और चारों गांव से भाग गए। ऐसी कहानियां वास्तव में सभी को झकझोर देती हैं। विशेषकर ऐसे समय में जब पति और उसके परिवार को सिर्फ संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर लिया जाता है।
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ARTICLE IN ENGLISH:
Wife Faked Her Death in 2005, Got In-Laws Arrested; Now Traced Alive After 14-Years Living With Her Lover
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