उत्तर प्रदेश (UP) से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके पता चलता है कि कैसे भारतीय कानून पूरी तरह से महिलाओं के पक्ष में हैं। किसी शख्स को अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में आरोपी पति को जेल में डालने से पहले एक शव की पहचान करने की भी आवश्यकता नहीं है।
इस तरह के मामले इस बात को भी बयां करते हैं कि न्याय की कीमत कैसे चुकाई जाती है। अगर आप एक गरीब आदमी हैं और अपने बचाव के लिए वकील की फीस नहीं दे सकते हैं, तो शायद आपको अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए महीनों, सालों और यहां तक कि दशकों तक जेल में रहना पड़ सकता है।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के बहराइच से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला जिसकी हत्या के आरोप में उसके पति को 10 साल की जेल हो गई थी, वह (महिला) अब जिंदा मिली है। जी हां, कंधाई (Kandhai) को उनकी पत्नी रामवती की हत्या के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 2017 में आरोपी पति ने 6 महीने जेल में बिताए, जिसके बाद उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। अब चौंकाने वाली बात यह है कि बहराइच में ‘मृत पत्नी’ अपनी बहन के घर पर रह रही है। घटना शनिवार शाम जिले के रामगांव थाना क्षेत्र की बताई जा रही है।
पुलिस का बयान
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ विशेष रूप से बात करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (बहराइच, ग्रामीण) अशोक कुमार ने कहा कि जमापुर गांव निवासी कंधाई की शादी 2006 में उसी गांव की निवासी रामवती से हुई थी। हालांकि, 2009 में रामवती रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। परिजनों ने स्थानीय अदालत में शरण ली और कंधाई के खिलाफ अपहरण एवं हत्या का मामला दर्ज कराया। कुमार ने आगे कहा कि 2017 में कोर्ट ने कंधाई को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद कंधाई ने हाई कोर्ट में अपील की और 6 महीने की सजा काटने के बाद उसे जमानत मिल गई।
मृत पत्नी जिंदा मिली
शनिवार को कंधाई के एक रिश्तेदार ने उन्हें बताया कि उन्होंने रामावती को उसकी साली के घर पर देखा है। कुमार ने कहा कि कंधाई ने बाद में मौके पर पहुंचे अपने अन्य रिश्तेदारों को सूचित किया। बाद में पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई।
इसके बाद कंधाई ने तुरंत अपने रिश्तेदारों के साथ पुलिस को भी इस बारे में सूचित किया और बाद में रामगांव के एसएचओ संजय सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची, जहां रामवती मौजूद थी। एएसपी ने बताया कि महिला को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है, जहां हिंसा प्रभावित महिलाओं को आश्रय दिया जाता है।
एएसपी कुमार ने कहा कि हब हम रामवती को अदालत में पेश करेंगे और मामले के संबंध में अदालत से निर्देश मांगेंगे।
आरोपी पति का बयान
बहराइच में पत्रकारों से बात करते हुए कंधाई ने कहा कि उन्हें याद है कि 5 फरवरी, 2009 की सुबह रामवती प्रकृति की पुकार में शामिल होने के लिए निकली थीं। उसने कहा कि हम सबने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन जब वह देर शाम तक नहीं लौटी तो मेरे ससुर छंगा ने मुझ पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मुझे जेल भेजने की धमकी दी।
Wife Of Man Charged With 10-Years Jail On Charges Of Her Murder Found Alive In Uttar Pradesh
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