ओडिशा के बालासोर जिले में दो जून की शाम हुए भीषण रेल हादसे (Odisha Train Accident) में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को राज्य सरकार और रेलवे की तरफ से सहायता राशि दी जा रही है। हालांकि इसमें जालसाजी का भी मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने मुआवजा राशि हासिल करने के लिए अपने जीवित पति की मौत का ही फर्जी दावा कर दिया। इस महिला के पति ने इस मामले को लेकर अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, जिसके बाद से वह फरार बताई जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दरअसल कटक जिले के मणियाबांदा की निवासी गीतांजलि दत्ता ने दावा किया था कि उसके पति बिजय दत्ता की दो जून को रेल हादसे में मौत हो गई थी। उसने एक शव की पहचान अपने पति के रूप में भी की थी। हालांकि, दस्तावेजों की जांच के बाद पता चला कि महिला का दावा झूठा था। रेल हादसे के बाद मृतकों के परिजनों के लिए राज्य सरकार और रेलवे द्वारा घोषित मुआवजा राशि हासिल करने के लिए अपने पति की मौत का ‘झूठा’ दावा करने वाली महिला अब फरार है। महिला के पति ने ही इस मामले को लेकर अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।
13 साल से पति से रह रही थी अलग
पुलिस ने बताया कि उस वक्त महिला को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। लेकिन महिला की मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब उसके पति बिजय दत्ता ने मणियाबांदा थाने में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि महिला गिरफ्तारी की डर से फरार है। वह बीते 13 साल से अपने पति से अलग रह रही थी। पुलिस ने बताया कि बिजय ने गीतांजलि के खिलाफ सरकारी पैसे हड़पने की कोशिश करने और उसकी मौत का झूठा दावा करने को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस का बयान
हालांकि, मणियाबंदा थाने के प्रभारी बसंत कुमार सत्पथी ने बताया कि पुलिस ने बिजय को बालासोर जिले के बहानागा थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा है, क्योंकि हादसा वहीं हुआ था। इस बीच, मुख्य सचिव पी के जेना ने रेलवे और ओडिशा पुलिस से शवों पर फर्जी दावा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
बता दें कि कि रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री ने पांच लाख रुपये, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो लाख रुपये और रेल मंत्रालय ने 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान किया था। ओडिशा के बालासोर में दो जून को दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुल 288 लोगों की जान चली गई थी और 1,200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
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