उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यूपी सामूहिक विवाह योजना के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Chief Minister’s mass marriage scheme) बेमानी साबित हो रही है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 60 प्रतिशत दुल्हनें शादी के बाद अपने ससुराल न जाकर इसके बजाय वह अपने माता-पिता के घर लौट गईं।
क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना?
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana) के अंतर्गत पात्रता के लिए कन्या के अभिभावक का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। वहीं शादी हेतु कन्या की आयु विवाह की तारीख से 18 वर्ष एवं वर (लड़के) की आयु 21 साल होनी चाहिए। आवेदक, वर और कन्या का आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाण-पत्र (आयु प्रमाण किए जाने हेतु ) होना चाहिए।
इसके अलावा अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग के आवेदकों के पास जाति प्रमाण-पत्र होना चाहिए। आवेदक की वार्षिक आय सीमा 2 लाख से कम होनी चाहिए और कन्या का स्वयं के नाम से बैंक अकाउंट होना चाहिए। इस योजना के तहत विधवा की बेटी, स्वयं विधवा एवं तलाकशुदा का पुनर्विवाह, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता दी जाएगी।
योजना के तहत कुल 51,000 रुपये की राशि प्रति जोड़े पर खर्च की जाती है, जिसमें 35,000 रुपये लड़की के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है। इसके अलावा विवाह सामग्री के लिए 10,000 रुपये दिए जाते हैं। साथ ही प्रति जोड़ा भोजन, बिजली-पानी, टेंट की व्यवस्था में 6,000 रुपये खर्ज किया जाता है।
वित्तीय लाभ के लिए योजना का हो रहा दुरुपयोग
कई जोड़े केवल पैसे के लिए इस योजना का लाभ उठाते हुए पकड़े गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सामूहिक शादी करने वाली 60 फीसदी दुल्हनें अपनी ससुराल तक नहीं पहुंची हैं, क्योंकि सरकारी विवाह के बाद अब कोई दो सप्ताह बाद तो कोई एक महीने बाद शादी करने जा रहा है। इन शादियों को लेकर कई परिजनों ने रिश्तेदारों को कार्ड बांट दिए गए हैं। सामूहिक विवाह समारोह में महज रस्म अदायगी की गई है, जिससे सरकार की तरफ से धनराशि मिल सके।
हाल ही में महोबा जिले में 11 दिसंबर को 263 जोडों की प्रशासन ने शादी कराई। हैरानी की बात यह है कि सम्मेलन में हुए कुल शादियों के 80 फीसदी से अधिक जोड़ों ने शादी की पूरी रस्म अदायगी किए बिना ही केवल जयमाला डालकर शासन की तरफ से दी जाने वाली नगद धनराशि और सामान प्राप्त कर लिए। कई जोड़ों ने जयमाल कार्यक्रम भी संपन्न किया गया, लेकिन अब उनके विवाह कार्यक्रम महीनों बाद घर या धर्मशालाओं से संपन्न होने हैं।
भाई-बहन ने एक-दूसरे से की शादी
फिरोजाबाद से तो इससे भी अधिक शर्मनाक मामला सामने आया है। आरोप है कि फिरोजाबाद के टूंडला में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाले लाभ के लालच में चचेरे भाई-बहन ने आपस में ही शादी कर ली। इस घटना के बाद से हड़कंप मच गया है। संबंधित अधिकारियों सचिवों और एडीओ से इस मामले में जवाब मांगा गया है। आरोप है कि शख्स ने अपने ताऊ की बेटी के साथ सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी कर ली।
मामले में जांच के बाद समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी चंद्रभान सिंह ने युवक (भाई) के खिलाफ शिकायत दी है। टूंडला कोतवाली के प्रभारी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की शिकायत समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी द्वारा की गई है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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