दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने रविवार 25 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी के सीलमपुर में 12 वर्षीय नाबालिग लड़के के साथ चार लोगों द्वारा गैंगरेप किए जाने का आरोप लगाया और मामले में पुलिस को नोटिस जारी किया। नाबालिग ने घटना के चार दिन बाद अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पीड़ित लड़के के परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि सीलमपुर इलाके में एक 12 साल के लड़के के साथ 4 लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया। आरोपी यहीं नहीं रुके और उस लड़के को डंडों से पीट-पीटकर अधमरी हालत में छोड़कर फरार हो गए। बाद में आरोपियों ने हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं और लड़के के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
DCW ने कहा कि उसे एक महिला की ओर से शिकायत मिली है जिसमें कहा गया है कि उसके बेटे का गैंगरेप किया गया है। महिला की शिकायत के हवाले से महिला आयोग ने बताया कि 18 सितंबर को उसके बच्चे का 4 लोगों ने पहले गैंगरेप किया और फिर उसके गुप्तांग में रॉड भी डाल दी।
महिला आयोग ने जारी किया नोटिस
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली में लड़की तो क्या लड़के भी सुरक्षित नहीं हैं। एक 12 साल के लड़के के साथ 4 लोगों ने बुरी तरह से रेप किया और डंडों से पीटकर अधमरी हालत में छोड़कर चले गए। हमारी टीम ने मामले में FIR दर्ज करवाई। 1 आरोपी गिरफ़्तार, 3 अब भी फ़रार, दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर रही हूं।”
ट्वीट के साथ उन्होंने पीड़ित लड़के की ब्लर की हुई तस्वीर भी शेयर की। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि आरोपियों ने उसके बेटे की ईंटों और छड़ों से पिटाई की थी। बच्चे ने 22 सितंबर को इस वीभत्स घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी। फिलहाल, अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
आयोग ने मामले में दर्ज FIR की प्रति के साथ-साथ कार्रवाई रिपोर्ट 28 अक्टूबर तक तलब की है। दिल्ली महिला आयोग ने इस नोटिस के साथ पुलिस से आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
दिल्ली पुलिस का बयान
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस मिलने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि सीलमपुर पुलिस स्टेशन को एलएनजेपी अस्पताल से एक लड़के के साथ गैंगरेप की घटना के बारे में फोन आया। इसके बाद तुरंत पुलिस की टीम अस्पताल पहुंची और बच्चे के माता-पिता से मिली लेकिन उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया। डीसीपी कार्यालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बच्चा मेडिकल निगरानी में है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि नाबालिग के परिवार ने 24 सितंबर तक बयान दर्ज नहीं कराया, जबकि मामले को सौंपे गए जांच अधिकारी नियमित रूप से उनके संपर्क में रहा। शनिवार को पुलिस की ओर से सखी संस्था की ओर से काउंसलर की व्यवस्था की गई और घायल बच्चे की मां की काउंसलिंग की गई।
इस दौरान बच्चे की मां ने खुलासा किया कि उसके बेटे को तीन दोस्तों ने शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उसके साथ गैंगरेप किया गया है। मां के बयान के आधार पर 24 सितंबर को पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
जांच के दौरान, यह पाया गया कि पीड़िता आरोपियों को जानता था। सभी की उम्र 10-12 साल के बीच थी। सभी आरोपी उसके दोस्त और पड़ोसी थे। कथित तौर पर, आरोपियों में से एक नाबालिग का चचेरा भाई भी है। अब तक मामले में पकड़े गए एक नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जा चुका है, जबकि दो अन्य अभी भी फरार हैं।
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