राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में देश में बलात्कार के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए। इनकी संख्या पूर्व वर्ष (2020) की तुलना में 19 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। एनसीआरबी की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ समग्र अपराध में उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर है, जबकि बलात्कार के दर्ज मामलों में यह देश में पहले स्थान पर बना हुआ है।
इस आंकड़ों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के एक बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं से अपराध के आधे से अधिक यानी 56 फीसदी मामले फर्जी हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि झूठे मामले दर्ज करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रेप की घटनाएं कौन करता है? कोई विदेशी आता है क्या? अधिकांश घटनाएं परिवार के जान-पहचान वाले करते हैं, उनके रिश्तेदार करते हैं। परिवार के मिलने वाले होते हैं। अधिकांश जगह वो ही करते हैं। महिलाओं के खिलाफ जो क्राइम है, उसमें आधे से ज्यादा यानी लगभग 56 फीसदी झूठे हैं। झूठे मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। हमने उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
दैनिक भास्कर के मुताबिक, इस दौरान गहलोत ने जालोर के सुराणा में टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत की जांच सीबीआई को देने के संकेत दिए। गहलोत ने कहा कि जालोर की घटना में अब भी लोग आ रहे हैं। बेवजह गलत बातें फैला रहे हैं। अरे भाई, पहले आप सच्चाई तो जानिए, आप कहें तो यह केस सीबीआई को दे देते हैं।
NCRB आंकड़ों पर उठाए सवाल
पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अपराध के आंकड़े बढ़ने के पीछे कम्पल्सरी एफआईआर की व्यवस्था को कारण बताया और कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आधे से ज्यादा केसों के झूठ होते हैं। गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2021 की एक रिपोर्ट के बाद राजस्थान को ‘बदनाम’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 एवं 2021 के बीच के आंकड़ों में तुलना करना उचित होगा, क्योंकि 2020 में लॉकडाउन रहा।
गहलोत ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में हर मामले में FIR दर्ज करना जरूरी है और इसके बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि मध्यप्रदेश हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं।
उन्होंने दावा किया कि गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक हिरासत में मौत गुजरात में हुईं हैं। नाबालिगों से बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।
गहलोत ने आगे कहा कि यह हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा है कि जहां 2017-18 में बलात्कार के मामलों की जांच में 274 दिन का समय लगता था जो अब केवल 68 दिन रह गया है। पॉक्सो के मामलों में जांच में औसत समय 2018 में 232 दिन था जो अब 66 दिन रह गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पुलिस द्वारा हर अपराध के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है एवं सरकार पूरी तरह पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत के आदेशों पर एएफआईआर दर्ज करने की संख्या में काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि कुछ लोगों ने हमारी सरकार की FIR के अनिवार्य रजिस्टर्ड की नीति का दुरुपयोग किया है एवं झूठी FIR भी दर्ज करवाईं। गहलोत ने कहा कि झूठी FIRदर्ज करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है एवं आगे भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मात्र 28.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अन्य चिंता का विषय यह भी है कि यौन अपराधों के करीब 90 प्रतिशत मामलों में आरोपी एवं पीड़ित दोनों एक दूसरे के पूर्व परिचित होते हैं।
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